मानवीय जीवन को सुरक्षित रखने पर्यावरण संरक्षण जरूरी: डीएफओ श्रीमती यादव...

मानवीय जीवन को सुरक्षित रखने पर्यावरण संरक्षण जरूरी: डीएफओ श्रीमती यादवIMG-20220606-WA0040.jpg

कटघोरा वनमंडल अंतर्गत चैतुरगढ में मनाया गया पर्यावरण दिवस


कोरबा/कटघोरा (समय दर्शन) प्रकृति का संतुलन बनाए रखने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने हम सभी को पर्यावरण संरक्षण का प्रण लेना चाहिए। पर्यावरण की सुरक्षा हम सबका प्रथम दायित्व है। वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण व ग्लोबल वार्मिंग के कारण दिन प्रतिदिन पर्यावरण तेजी से गिरता जा रहा है। बेहतर भविष्य के लिए जिसकी सुरक्षा हमारे लिए अतिआवश्यक है। जिसके लिए हमें पेड़ों की अंधाधुंध कटाई रोकना, अधिक से अधिक वृक्ष लगाना व उन्हें सुरक्षित रखना तथा लोगों को इसके लिए जागरूक करके मानवीय जीवन को सुरक्षित रखने हेतु पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। पर्यावरण दिवस के अवसर पर कटघोरा वनमण्डल द्वारा पाली परिक्षेत्र अंतर्गत चैतुरगढ में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित वनमंडलाधिकारी श्रीमती प्रेमलता यादव ने पर्यावरण बचाव को लेकर उक्त बाते कही। आयोजित कार्यक्रम के दौरान चैतुरगढ मंदिर के समीप पूजन सामाग्री बिक्री करने वाले दुकानदारों को बांस के बने फूलदान, कूड़ादान व पेपर बेग का वितरण करने के साथ स्व सहायता समूहों को कपड़े का थैला, कागज बेग, दोना- पत्तल का निर्माण कर उपयोग व विक्रय करने हेतु प्रोत्साहित करते हुए विभागीय सहयोग देने की बात कही गई। कार्यक्रम में शामिल उपवनमंडलाधिकारी पाली चंद्रकांत टिकरिया ने भी पर्यावरण बचाव को लेकर कहा कि हम वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़े सभी व्यक्ति जो यह मानते हैं कि पूरे ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी के जैसा कोई दूसरा नहीं है, जिसे हम अपनी माता स्वरूप समझते हैं चाहे जिस किसी के नासमझी या अत्यधिक लोभ के कारण आज हमारी पृथ्वी इस स्वरूप को प्राप्त कर चुकी है जो अपने अस्तित्व के लिए ही संघर्ष कर रही है। जिसने हमें पीने के लिए मीठा जल दिया सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा दी हमारे जीवन के लिए भोजन एवं औषधि के रूप में वन दिया जिसे हमने विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। आज हम सभी यह संकल्प लेते हैं हमारी धरती मां को उसके पुराने स्वरूप में पहुंचाने के लिए अनवरत प्रयासरत रहेंगे एवं हर संभव इसके पर्यावरण की रक्षा करेंगे चाहे जिस किसी भी रुप में हो। वही पाली रेंजर के. एन. जोगी ने कहा कि पर्यावरण और वन संपदा ही प्रकृति का संतुलन बनाती है। पूरी सृष्टि प्रकृति और पर्यावरण पर निर्भर है। जीने के लिए जिस हवा, पानी, खाद्य की जरूरत होती है, वह पर्यावरण की ही देन है। इनके बिना सृष्टि और किसी जीव की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हमारे आसपास का वातावरण पेड़- पौधे, नदी, जंगल, जमीन और पहाड़ आदि से घिरा है। इसी को तो प्रकृति कहते हैं। इसी प्रकृति से हम बहुत कुछ लेते हैं, लेकिन बदले में हम प्रकृति को क्या देते हैं? अगर ध्यान देंगे तो दशकों से हम प्रकृति को सिर्फ प्रदूषित कर रहे हैं। पर्यावरण का दोहन कर रहे हैं। जंगलों को काटना, नदियों को गंदा करना, वातावरण को प्रदूषित करना आदि के कारण हम प्रकृति का अस्तित्व खत्म करने के साथ ही अपने जीवन और आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक वातावरण बना रहे हैं। ऐसे में छोटे छोटे प्रयास करके हम पर्यावरण संरक्षण कर सकते हैं। वन अधिकारियों ने कार्यक्रम में उपस्थित जनों को पर्यावरण सुरक्षित रखने विनम्र अपील की तथा उपस्थित जनों के साथ मिलकर नीम, कटहल, आम, अमरूद, सीताफल सहित विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे रोपित किये गए साथ ही चैतुरगढ को प्लास्टिक मुक्त बनाने संकल्प भी लिया गया। उक्त कार्यक्रम में आसपास गांव के बड़ी संख्या में महिला- पुरुष ग्रामीणजन, जनप्रतिनिधि व कटघोरा वनमंडल अंतर्गत चैतमा रेंज के रेंजर मृत्युंजय शर्मा, डिप्टी रेंजर, परिसर रक्षक सहित सभी परिक्षेत्र के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।