पत्नी के हत्यारे पति की मौत का मामला: आधे घँटे का रास्ता ढाई घँटे में तय कर ...

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पत्नी के हत्यारे पति की मौत का मामला: आधे घँटे का रास्ता ढाई घँटे में तय कर घटनास्थल ग्राम पहुँची पाली पुलिस, लेटलतीफी से गई हत्यारोपी पति की जान


कोरबा/पाली(wortheum news)बीते 8 जून की अर्धरात्रि पाली थानांतर्गत वनांचल ग्राम बगदरा में घटित एक सामान्य घरेलू विवाद में पंचराम नामक एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी श्रीमती मेहतरिन बाई की नृशंस हत्या कर दी। यह एक ऐसी घटना है जिसमें पंचराम द्वारा शराब के नशे में चूर अपनी पत्नी पर लगातार लाठियों से वार कर रहा था एवं उनकी पत्नी चिल्ला- चिल्ला कर अपने पति से जान की भीख मांग रही थी तथा आस- पड़ोस वालों से अपने प्राण की रक्षा के लिए कह रही थी परंतु कोई भी श्रीमती मेहतरिन बाई को बचाने नहीं आया और वह तड़प- तड़प अपनी जान दे दी। घटना की जानकारी हत्यारे पिता ने 9 अप्रैल की प्रातः अपने 36 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार को दी, जिसने गांव के सरपंच भंवर सिंह उइके को घटनाक्रम से अवगत कराया। तब सरपंच ने घटना स्थल पर पहुँच और मोबाईल के माध्यम से पूरे मामले की सूचना पाली थाना प्रभारी अनिल पटेल को सुबह 10 बजे दी तथा यह भी बताया कि पत्नी का हत्यारा पति शराब के अत्याधिक नशे में है, जिसकी सेहत बिगड़ती जा रही है। किन्तु इस सूचना के करीब ढाई घँटे बाद यानि कि 12.30 बजे के आसपास पुलिस घटना घटित ग्राम बगदरा पहुँची। उस टीम में थाना प्रभारी नही थे, क्योंकि थाने परिसर में आयोजित एक लोकार्पण कार्यक्रम में वे मशगूल थे। पाली थाने से आधे घँटे का रास्ता ढाई घँटे में तय कर बगदरा पहुँची पुलिस की टीम ने तब समीप के एक होटल में रुककर आराम से पहले चाय- नास्ता किया फिर घटना घटित घर मे गई जहां पत्नी महेतरीन बाई की लाश आंगन में पड़ी थी व हत्या का आरोपी पति पास में ही बुरी तरह तड़प रहा था। पुलिस ने जिसे देख अनदेखा कर अपनी पंचनामा कार्रवाई में जुट गई। और जब पुलिस की यह कार्रवाई पूरी हुई तब आरोपी को पुलिस की शासकीय वाहन में बिठा घटनास्थल से सीधे थाने ले जाया गया, जहां उसे वाहन से बाहर उतारा गया लेकिन तब तक वो बेसुध हो चुका था। तब आनन- फानन में पुलिस उसे स्थानीय सीएचसी लेकर पहुँची, जहां डाँक्टरों ने प्रारंभिक उपचार के बाद पंचराम को मृत घोषित कर दिया, अर्थात ब्रॉड डेड था। अब पाली पुलिस का कहना है कि पंचराम अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद जहर का सेवन कर लिया था। परंतु प्रश्न यह उठता है कि शराब के नशे में चूर पंचराम को जहर कहां से मिल गया? क्राइम सीन से पुलिस ने किसी भी तरह के जहर की शीशी वगैरह क्या जप्त की? पाली स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के पहले ही पंचराम की लगभग मौत हो चुकी थी इस कारण डॉक्टर ने उसका स्टमक वॉश नहीं करवाया। जिसके कारण अब विसरा से ही जहर की पुष्टि हो सकेगी। इस घटना मामले में मृतक के पुत्र सूरज का कहना है कि पुलिस की लेट- लतीफी की वजह से ही उसके पिता की जान गई। वहीं सरपंच का कहना है कि यदि प्राप्त घटना की सूचना पश्चात पुलिस सक्रियता दिखाती और एक से डेढ़ घँटे के भीतर मृतक पंचराम को डाँक्टरी उपचार मिल जाता तो कही न कही उसकी जान बच जाती। लेकिन पुलिस ने गैर जिम्मेदाराना रवैया का निर्वहन किया और यहां पर उनकी लापरवाही सामने आयी। फिलहाल तो अब यह जांच का विषय है कि घटना की सूचना के बाद क्राइम सीन ग्राम बगदरा तक पुलिस के पहुँचने से लेकर थाना पाली तक आरोपी पंचराम को लाते कितने घँटे का समय बीता और किन कारणों से उसकी मौत हुई?