महाराष्ट्र के बाद अगला ऑपरेशन लोटस कहां ....?

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महाराष्ट्र के बाद अगला ऑपरेशन लोटस कहां ....?


बिलासपुर।(wortheum news) पांच राज्यों के बाद अब महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस कंडक्ट कर रही है बताया जाता है कि एक ऑपरेशन पे एक से दो हजार करोड़ रुपए लग जाता है इतना पैसा लगाने की ताकत किसकी होती है सब कुछ टाइमिंग का खेल है याद रखें महाराष्ट्र में 2 महीने के भीतर बीएमसी के चुनाव होने वाले हैं इसी के बाद गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं । भारतीय सेना में भले ही किसी रेजिमेंट का नाम गुजरात पर ना हो किंतु गुजरात के भाजपाई सिपाही राजनीति के युद्ध में इतने पारंगत हैं की मराठा मानुष को धूल चटाने जा रहे हैं। एकनाथ शिंदे विधायक बनने के पूर्व ऑटो ड्राइवर थे और अब नगरी शासन विभाग उन्हीं के हाथों में है भाजपा को जानने वाले दो उदाहरण देते हैं पहला उदाहरण गारमेंट बिजनेस का है जिसमें फ्री साइज का कुर्ता सबको आ जाता है और भाजपा के पास यही एक कुर्ता है जो वह पूरे देश को पहनाना चाहती है। दूसरा उदाहरण बेताब पिक्चर का है जिसमें हीरो सनी देओल वर्तमान भाजपा सांसद अमृता सिंह को कहते हैं "खाना है तो यही है नहीं खाना है तो यही है" भाजपा इन दिनों इसी तरह की राजनीति कर रही है । पहले कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और अब महाराष्ट्र। दिक्कत जनता के द्वारा निर्वाचित सरकारों को अपदस्थ करने की नहीं है इस प्रवृत्ति से मतदाताओं को जो संदेश जा रहा है वह स्पष्ट है जब कभी भी किसी की सरकार बने उसे इतने विधायक चुन कर दो की विपक्ष रह ही ना जाए जैसा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने किया। छत्तीसगढ़ का मतदाता देश के अन्य मतदाताओं से बेहद परिपक्व निकला वह जानता था कि भाजपा को अपदस्थ करते समय धूल में रगड़ के नहीं दबाया तो आने वाले समय में तोल मोल ऑपरेशन लोटस ब्रीफकेस, सूटकेस, फोल्डर, डिजिटल भुगतान सब कुछ होगा इसीलिए छत्तीसगढ़ की विधानसभा इन सब चीजों से ऊपर रही हालांकि अभी भी भाजपा समय-समय पर लार टपकाते हुए टी एस सिंह देव की ओर देखती है। हालांकि अब जब नए चुनाव के 14 माह से है तब भी कांग्रेस के भीतर तोड़फोड़ के लिए प्रायोजित मीडिया के द्वारा खूब खबरें चलवाई जाती है। जाने कहां से इस राजनीतिक दल को पत्रकारों के रूप में चंपादक मिल जाते हैं जो जनता के असली मुद्दों पर बात ना करके इनके दिए हुए मुद्दों ( टुकड़ों ) पर बात करते हैं।