झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद , कर रहे हैं मरीजों के जान के साथ खिलवाड़....

झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद ,
कर रहे हैं मरीजों के जान के साथ खिलवाड़IMG-20220611-WA0089.jpg ,चिकित्सा प्रशासन मौन


बिलासपुर/कोटा (wortheum news)
कोटा विकासखंड के अंतर्गत में आने वाले ग्राम सेकर,तेंदूभाटा और पूडु रैकवार के ग्रामीण क्षेत्रों में कई वर्षों से तथाकथित झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला रहा है यहां बेखौफ होकर धड़ल्ले से झोलाछाप डॉक्टर अंग्रेजी एलोपैथिक दवाइयों का प्रयोग कर मरीजों के जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
समाचार संकलन के दौरान सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना डिग्री के कई कथित डॉक्टर अपनी चिकित्सा व्यवस्था का जाल इस क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों में फैला कर रखे हुए हैं।
पत्रकारों के समाचार संकलन के दौरान एक कथित डॉक्टर सुंदर दास मानिकपुरी निवासी ग्राम तेंदूभाटा से पूछा गया कि लोगों ने बताया कि आप चिकित्सा का कार्य करते हैं और लंबे समय से मरीजों का इलाज कर रहे हैं तो आपके पास कौन सी मेडिकल डिग्री है जिसके आधार पर प्रैक्टिस करते हैं। तो सुंदर दास मानिकपुरी आवेश में आकर रतनपुर के चिकित्सा अधिकारी का धौंस दिखाने लगा और कहने लगा कि मैं इन्हीं के संरक्षण में मरीजों का इलाज एवं वैक्सीन लगाने का काम करता हूं । सुंदर दास के द्वारा बताए गए चिकित्सा अधिकारी से बात करने पर मरीजों का इलाज करने संबंधी जानकारी मेरे जानकारी में नहीं है होना बताया गया।
सुंदर दास मानिकपुरी के द्वारा आवेशित होकर बताया गया कि वह 20 वर्षों से चिकित्सा करने का काम करता है चिकित्सा शैक्षणिक योग्यता संबंधी बात पूछने पर कोई जानकारी ही नहीं दी गई। साथ ही सुंदर दास के घर के बाहर के गली में अंग्रेजी एलोपैथिक दवाइयों के उपयोग की गई शीशी ,इंजेक्शन के खाली वायल और एम्पुल सामान्य रूप से बिखरी पड़ी हुई मिली और साथ ही कई एलोपैथिक और प्रतिबंधित दवाई जली हुई मिली।
जिसमें सेफपोडॉक्साईम, एंपीसिलीन , डाइक्लोनेक , डूराडेकाबोलीन जैसी दवाइयों के उपयोग की गई हुई शीशियों का जखीरा देखने को मिला ।
इससे स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं इन क्षेत्रों के तथाकथित डॉक्टरों को अधिकारियों का खूब छत्रछाया प्राप्त होगा जो बेखौफ होकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं इस तरह प्रशासन की मौन सहमति आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के साथ खिलवाड़ ही है ।
ज्ञात हो कि झोलाछाप डॉक्टर उसे कहते है जिसके पास कोई मेडिकल डिग्री नही होती । और उसके बाद भी वह मरीजों का इलाज करता है ।बहुत बार तो हमे पता ही नही होता की हम जिससे इलाज करवा रहे है वह एक झोलाछाप डॉक्टर है । आमतौर पर मरीजों को इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि डॉक्टर के पास डिग्री है कि नही ? वे उसकी डिग्री देखते भी नही है जोकि एक बहुत बड़ी गलती है । दोस्तों यदि आप किसी सरकारी डॉक्टर से इलाज करवाते है तो ठीक रहता है या किसी फेमस रजिस्टर्ड डॉक्टर से इलाज करवाते है तो उसकी फर्जी होने की संभावना नहीं होती है । लेकिन कभी कभी आप किसी अंजान डॉक्टर से इलाज करवाने जाएं तो आपको अधिक सावधान हो जाने की आवश्यकता है । आजकल यह कथित झोलाछाप डॉक्टर हर जगह अपना धंधा खोल चुके है चाहे शहर हो या गांव ।लेकिन अधिकतर समस्याएं गांव के अंदर ही आती है । गांव के अंदर दूर दूर तक कोई भी अस्पताल नही होता । ऐसी स्थिति में यह कथित डॉक्टर आसानी से सक्रिय हो जाते हैं । गांव वालों को इनके बारे में कुछ पता नहीं होता और पता भी तब चलता है जब कुछ बड़ी गड़बड़ हो जाती है । झोलाछाप डॉक्टर की शिकयत लोग इस वजह से नही करते क्योंकि उनको पता है शिकायत करने का कोई फायदा ही नही होगा ।पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करेगी ।
लेकिन ज्ञात हो कि प्रशासन एसे तमाम हथकंडे अपना रही है जिससे आप इनकी शिकायत कर सकते हैं जैसे हर जिले में टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर दिया गया है जिस पर आप इनकी अवैध गतिविधियों या कोई शिकवा शिकायत की सूचना दे सकते है ।