जन सहयोग " संस्था द्वारा 142 वीं लाश का अंतिम संस्कार किया गया , पूर्व सैनिकों ने भी सहयोग दिया

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काँकेर। सुप्रसिद्ध जन सहयोग समाजसेवी संस्था द्वारा आज फिर एक लाश का अंतिम संस्कार किया गया, जिससे इस प्रकार के प्रकरणों की संख्या 142 हो गई है। श्री अजय पप्पू मोटवानी द्वारा विवरण इस प्रकार बताया गया है कि शहर में मानसिक रोगी की तरह हरकतें कर रही एक लगभग 22 वर्ष की महिला को अर्ध विक्षिप्त हालत में देख कर महिला पुलिस द्वारा उसे कोतवाली थाना लाया गया । महिला अपना नाम पता बताने की स्थिति में नहीं थी। अतः उसे स्थानीय सखी सेंटर में भर्ती कर दिया गया, जहां उसने रात को फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने नियमानुसार पंचनामा करवा कर पोस्टमार्टम भी करवाया और महिला के परिजनों का पता लगाकर उन्हें बुला लिया।इन परिजनों में महिला के पति तथा मायके के लोग भी थे और उसके पिता दयाल राम शोरी भी कलगांव विश्रामपुरी से आ गए थे। परिजनों ने कहा क कुछ आर्थिक तथा सामाजिक कारण से और बहुत देर हो जाने के कारण भी शव ले जाना नहीं चाहते ,यहीं कफन दफन कर दिया जाए । उनके इस प्रस्ताव पर थाना प्रभारी महोदय ने "जन सहयोग संस्था " के अध्यक्ष अजय पप्पू मोटवानी से लिखित अनुरोध किया ,जिससे कि कफन दफन का उचित प्रबंध संस्था द्वारा किया जा सके। अजय पप्पू मोटवानी ने पुलिस तथा परिजनों का अनुरोध स्वीकार करते हुए पूर्व सैनिक श्री कौशल सिंह, टीके जैन तथा पुलिस विभाग के उप निरीक्षक लक्ष्मी नारायण नामदेव एवं महिला सहायक उप निरीक्षक भुवनेश्वरी भगत ,संस्था के अध्यक्ष अजय पप्पू मोटवानी ,सदस्य करण नेताम तथा शैलेंद्र देहारी आदि के सहयोग से मृतका बिरन उर्फ हेमा के 10, 12 परिजनों की उपस्थिति में दूध नदी के किनारे अंतिम संस्कार विधि विधान से कर दिया। कांकेर के समाज सेवकों के इस नेक कार्य की नागरिकों द्वारा तारीफ़ एवं हार्दिक सराहना की जा रही है।
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