गोबर के बाद अब किसानों से "गोमूत्र" खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार, जानिए- प्रति लीटर क्या होगा दाम?

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छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां भूपेश बघेल सरकार गोमूत्र खरीदने जा रही है. सरकार ने गौमूत्र खरीदने का पूरा खाका तैयार कर लिया है. योजना को भूपेश कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय जन त्योहार हरेली के दिन 28 जुलाई को गौमूत्र खरीदी की योजना शुरू होगी. विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार 4 रुपये लीटर की दर से गौमूत्र खरीदेगी. गौधन न्याय योजना के तहत 2 रुपये किलो गोबर खरीदने के बाद सरकार की ये सबसे महत्वाकांक्षी योजना होगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने गोबर खरीदी की. अब गोमूत्र की भी खरीदी करने जा रहे हैं. इससे बड़ा फायदा यह हुआ कि किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि हुई है. साथ ही सड़क में घूमने वाले मवेशियों पर रोक लगी है. लोग पशुओं को अपने घरों में या गौठानों में बांध कर रखने लगे हैं. गौमूत्र की खरीदी से जो गौवंश खुले रहते है, उन्हें भी बांध कर रखेंगे जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.

सीएम भूपेश बघेल के सलाहकार प्रदीप शर्मा का कहना है योजना पायलट प्रोजेक्ट की तरह शुरू होगी. पहले चरण में हर जिले के दो स्थानों से इसकी शुरुआत होगी. गौठानों से गौमूत्र की खरीदी होगी और उससे जैविक कीटनाशक तैयार किया जाएगा.

गौरतलब है फरवरी में सरकार ने गोमूत्र की खरीदने का सैद्धांतिक निर्णय लिया था. जिसके लिए एक कमेटी बनाई गई थी. जिसके जिम्मे गोमूत्र खरीदारी के तरीके और इस पूरी योजना पर रिसर्च करना था. कमेटी ने एक प्रोपोजल तैयार कर सरकार को सौंपा है.

छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले इसलिए 25 जून 2020 को गौधन न्याय योजना की शुरुआत की गई थी. ताकि किसान अपने पशुओं को खुला छोड़ देते है, उसपर अंकुश लगेगा और गौपालकों को लाभ होगा. गौधन न्याय योजना का ग्रामीण अंचल में किसानों और गौपालकों को लाभ हो रहा है. और अब सरकार का मानना है गौमूत्र की खरीदी होने से खुले में घूमने वाले गायों की संख्या में कमी आएगी और गौपालकों को लाभ होगा.