महिला की हत्या की सुलझी गुत्थी, 22 दिनों बाद हुआ चौंकाने वाला खुलासा

in #chhatisgarh2 years ago

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छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक अंधेकत्ल का पर्दाफाश हो गया है। 22 दिनों की कड़ी मेहनत, 300 लोगों से पूछताछ और 3 जिले के ढाई सौ तो सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आखिरकार बालोद पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाया है।

आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

क्या था हत्या का पूरा मामला
दरअसल, 29 जुलाई की सुबह अर्जुंदा थाना क्षेत्र के भालुकोन्हा गांव में एक घर की छत पर एक महिला की लहूलुहान लाश मिली, जिसके सिर पर किसी भारी चीज से बुरी तरह वार किया गया था। गर्दन पर भी चाकू से वार के निशान दिख रहे थे, जिसे देख इलाके में सनसनी फैल गई। इसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और मौके पर पुलिस के बड़े अधिकारी सहित डाग स्क्वाड व एफएसएल की टीम पहुंची। मौके पर किसी तरह का सुराग नहीं मिलने से हत्या की गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी।

ऐसे खुला हत्या का राज
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने स्पेशल टीम का गठन किया और संबंधित थाने की टीम के साथ आरोपी को खोजने के लिए हरकत तेज कर दी। इस दौरान बालोद जिले के अलावा दुर्ग और राजनांदगांव जिले तक जाकर लगभग 300 सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने खंगाले इसके बावजूद पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला। मृतका संध्या राजपूत अक्सर सिम बदला करती थी जिसके चलते तकनीकी माध्यम से भी आरोपी को पकड़ने के लिए कोई खास मदद नहीं मिल रही थी।

4 साल से ग्रामीणों ने मृतका का नहीं देखा था चेहरा
मृतका संध्या राजपूत लगातार 4 साल से उसी गांव में उस घर में अकेली रहती थी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि वहां गांव के लोगों ने 4 सालों से उसका चेहरा भी नहीं देखा था। क्योंकि वह जब भी घर से बाहर निकलती थी तो नकाब पहनकर ही निकलती थी। वह अपने पति से दूर रहने के बाद भी तलाक नहीं होने के कारण हर माह जीवन यापन करने के लिए 5 हज़ार लेती थी। वहीं मृतका की दो बहनें नौकरी में होने के कारण बहन को खर्चे के लिए पैसे देती थीं।

पड़ोसी निकला हत्यारा
पुलिस ने गांव के सैकड़ों लोगों के साथ पूछताछ करने के साथ ही मृतका से जुड़े दूसरे जिले के लगभग ढाई सौ लोगों से पूछताछ की जिसमें एक व्यक्ति के गोलमोल जवाब से पुलिस को उस पर संदेह हुआ। संदिग्ध युवक मृतक महिला का पड़ोसी है, जिसकी पहचान विकास यादव के रूप में हुई। पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तब उन्होंने घटना को अंजाम देने की बात कबूल की। आरोपी विकास ने बताया कि 2 साल से एक दूसरे के बीच बातचीत थी। मृतका उसे बार-बार घर बुलाती थी जिससे विकास काफी ज्यादा परेशान हो चुका था। यही वजह है कि विकास ने संध्या को मौत के घाट उतार दिया।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम
घटना के दिन आरोपी रात के अंधेरे में मृतका से मुलाकात करने आया और फिर वापस वहां से चला गया। इसके कुछ देर बाद आरोपी घर के पीछे से दीवार फांद कर दोबारा आया और छत पर पहुंच गया। युवक ने देखा कि मृतका पहले से लेट कर मोबाइल चला रही है। इसी बीच आरोपी विकास अपने साथ मोटी लकड़ी लेकर आया जिससे युवती के सिर पर दो बार वार किया। इस दौरान मृतका संध्या ने अपने बचाव के लिए आवाज लगाने की कोशिश की तो आरोपी विकास ने अपने साथ लाए चाकू से गर्दन पर वार कर उसे मौत की नींद सुला दिया।