डाकखाना की रेडक्रास की दुकानदारों की रोजी रोटी छीन रहे हैं सीएमएचओ पथौरिया

in #chhatarpur2 years ago

डाकखाना की रेडक्रास की दुकानदारों की रोजी रोटी छीन रहे हैं सीएमएचओ पथौरिया

IMG-20220526-WA0008.jpgछतरपुर जिले में जब भी कोई नया कलेक्टर आता है तो वह विभिन्न प्रकार के फंडे अपनाता है। वर्ष 1990 में तत्कालीन कलेक्टर एमके राउत ने छतरपुर शहर में रोजगार स्थापित करने की दृष्टि से शहर के अंदर विभिन्न मार्गों पर रेडक्रास के द्वारा दुकानों का निर्माण कराया। इसके अलावा जिला अस्पताल में रेडक्रास के दो बड़े वार्ड बनाए जिनमें प्रायवेट कमरे मरीजों को उपलब्ध कराए जाते थे। रेडक्रास की कार्यकारिणी के सभी सदस्यों की मंशा के अनुसार डाकखाना चौराहा पर 13 दुकानें बनाई गईं और खुली बोली लगाकर लोगों को आवंटित की गई। इन दुकान में अस्पताल परिसर को ध्यान में रखते हुए मेडिकल फल, दूध एवं अस्पताल से संबंधित आवश्यक साम्रगी के लिए लोगों के अलार्ट की गई थी। इसके बाद चौक बाजार पर दुकानें बनाई गईं और शहर को चमकाया गया। दुकानदारों से इसके एवज में मोटी रकम अमानत राशि के रूप में ली गई। उसके बाद तत्कालीन कलेक्टर राधेश्याम जुलानिया ने छतरपुर में अदालत के सामने लगभग 100 दुकानों का निर्माण रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से किया। इसके अलावा उन्होंने अस्पताल परिसर के सामने बीएड कॉलेज के सामने रेडक्रास की लगभग 12 से 15 दुकानों क निर्माण कराया और लोगों को रोजगार उपलबध कराया। इसी क्रम में 1998-99 में तत्कालीन कलेक्टर जेएन कंसोटिया ने छतरपुर जिले में बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम के नीचे खाली जगह पर दुकानों का निर्माण कराया और दुकानें लोगों को उपलब्ध कराईं। इसके अलावा बेसिक स्कूल के पास बनी लगभग 10 दुकानों का निर्माण कार्य भी रेडक्रास सोसायटी के द्वारा कराया गया। डीआईजी ऑफिस के बगल में लगभग एक दर्जन से ज्यादा दुकानों का निर्माण कराया गया औरशहर में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इन दुकानों से जो आमदनी हुई उससे वर्नयूनिट बनाया गया। और जनसहयोग से सभी वर्न यूनिट के कमरों में एसी लगवाए गए। यही क्रम चलता रहा। दुकानदारों ने भी रेडक्रास की दुकानें लेकर अपना धंधा चमकाया। परंतु आज छतरपुर की डाकखाना की 13 दुकानों पर सीएमएचओ के द्वारा नोटिस जारी कर सात दिन में खाली करने का फरमान जारी किया गया है। जो कि न्याय संगत नहीं है। दुकानदारों का कहना है कि हमारी रोजी रोटी छिन जाने के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे परंतु छतरपुर के नए कलेक्टर संदीप जी आर का कहना है कि शहर को अतिसुंदर बनाने के लिए जिला चिकित्सालय परिसर से लगी 13 दुकानों को तोडऩा अति आवश्यक है। जिला चिकित्सालय का भवन इन दुकानदारों के कारण कई समस्याओं से जूझ रहा है। कलेक्टर की मंशा है कि जिला अस्पताल के सामने एक विशाल पार्क का निर्माण कराया जाएगा जिसमें जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज के परिजन इस पार्क में बैठ सकेंगे। आज पूरे शहर में रेडक्रास की दुकान गिराए जाने की चर्चा जगह जगह चल रही है। हालांकि दुकानदारों के द्वारा हाईकोर्ट में एक पिटीसन दायर की गई थी परंतु उसमें उन्हें रिलीव नहीं मिला है। अंतिम निर्णय छतरपुर कलेक्टर को लेना है।