अस्पतालों की स्थिति है दुर्भाग्यशाली खजुराहों राजनगर
इस रात की सुबह कब होगी?
शाम ढलने के बाद ‘इमरजेंसी’ पर मेडिकल सेवाएं
कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नदारद तो कहीं पलंग की कमी
खजुराहो -राजनगर विकाशखण्ड में शाम ढलने के बाद रात की मेडिकल सेवाएं भी ‘इमरजेंसी’ पर चली जाती है। अगर किसी गंभीर मरीज को परिजन रात में सरकारी अस्पताल लेकर पहुंच गए तो उनका परेशान होना तय है। कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिलते तो कहीं पलंगों की कमी है। कहीं तो पलंग खाली भी है तो उन पर श्वानों ने कब्जा कर रखा है और मरीज गलियारों और वार्ड में जमीन पर सोने को मजबूर हैं। रात में पहुंचने वाले अधिकांश मरीजों को स्टाफ से डॉक्टर के इंतजार या रेफर का रटा-रटाया जवाब ही मिलता है। दबंग मीडिया के संवाददाता ने राजनगर खजुराहो झमटुली चंदनगर बमीठा के सरकारी अस्पालों का ‘नाइट स्कैन’ को कई जगह चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। लंबे अरसे से राजनगर की जनता समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बदहाली के कारण असुविधाओं से जूझ रही है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्ता-धर्ता के अड़ियल रवैया एवं लापरवाही के कारण प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाली सुविधा भी राजनगर क्षेत्र की जनता के लिए नासूर बनती जा रही है कारण राजनगर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और अपने आप को नेता कहने वाले मृत आत्मा के वो सफेदपोशधारी हैं जोकि चुनाव में लंबे वादे कर जनता के समकक्ष स्टॉप पर हस्ताक्षर करने के बाद भी अपने वादे को नहीं निभा पाए व राजनगर क्षेत्र की जनता के लिए स्वास्थ्य सुविधा को लेकर कभी कोई कदम नहीं उठाएं। हॉस्पिटल में इलाज कराने वाले मरीजों को पीने का स्वच्छ पानी नसीब हो रहा है। गनीमत है कि क्षेत्र के दानदाताओं द्वारा दी हुई वाटर प्यूरीफायर मशीन एवं एंबुलेंस नेसमुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दान वीरों के बदौलत जिंदगी की सांस ले रहा है। करोना कॉल के दौरान राजनगर सांसद विधायक क्षेत्र के युवाओं और व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार के उपकरणों के साथ-साथ दवाइयों भी स्वास्थ्य केंद्र को दान की गई थी जिसके बदौलत करोना काल के दौरान राजनगर क्षेत्र की जनता को कुछ राहत मिली थी जिसके बाद अब दानवीर ओके द्वारा मिली गई सौगातो को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा लापरवाही की चादर ओढ़ाकर बर्बाद होने छोड़ दिया गया है।