जज की पत्नी और बेटे को गोली मारने के दोषी ने सजा को दी चुनौती, हाईकोर्ट अगले सप्ताह करेगा सुनवाई
जज की पत्नी और बेटे को गोली मारने वाले गनमैन महिपाल ने गुरुग्राम जिला अदालत द्वारा फरवरी 2020 को सुनाई गई मौत की सजा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट सजा के खिलाफ अपील पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा।
याचिका दाखिल करते हुए महिपाल ने कहा कि गुरुग्राम जिला अदालत ने उसे सजा सुनाते हुए तथ्यों पर गौर नहीं किया। उसने जज की पत्नी और बेटे को गोली नहीं मारी थी। असल में एक पेंटिंग को रखने के दौरान उसमें खरोंच लग गई थी। इससे नाराज जज के बेटे ध्रुव ने उसे गाली देना शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें ध्रुव ने याची की रिवॉल्वर को छीनने का प्रयास किया। इस प्रयास के दौरान गोली चल गई जिसमें याची की कोई गलती नहीं है।
यह है मामला
अक्तूबर 2018 को गुरुग्राम के जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत की पत्नी रितु और बेटा ध्रुव शॉपिंग के लिए सेक्टर 49 पहुंचे थे। शॉपिंग के बाद मॉल से बाहर आते ही महिपाल ने उन पर गोली चला दी। इसके बाद दोनों को गाड़ी में घसीटने का प्रयास किया। प्रयास विफल रहने पर वह दोनों को वहीं छोड़ कर चला गया। इसके बाद लोगों ने दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।
ट्रायल कोर्ट ने माना था महिपाल की हरकत को विश्वासघात
गुरुग्राम की जिला अदालत ने महिपाल को हत्या का दोषी मानते हुए कहा था कि याची को जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसने उन्हीं की हत्या कर दी। यह सीधे-सीधे विश्वासघात है और याची ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया। इतना ही नहीं हत्या के बाद याची ने जज कृष्णकांत व अपने साथी गनमैन को फोन कर इसकी जानकारी दी जो याची का दोष साबित करता है। साथ ही अदालत ने सीसीटीवी फुटेज को भी अहम साक्ष्य माना जिसमें याची दोनों को कार में घसीटता हुआ दिखाई देता है।
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