Facebook twitter wp China vs Taiwan: अमेरिका के इस जंगी जहाज से घबराया चीन

in #chaina2 years ago


China vs Taiwan अमेरिकी कांग्रेस की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान ने चीन की धमकियों का करारा जवाब दिया है। उसने अपनी रक्षा शक्ति बढ़ाते हुए वायुसेना में उन्नत एफ-16वी लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। आइए जानते हैं क्‍या है इसकी खूब‍ियां।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। अमेरिकी कांग्रेस की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान ने चीन की धमकियों का करारा जवाब दिया है। उसने अपनी रक्षा शक्ति बढ़ाते हुए वायुसेना में उन्नत एफ-16वी लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। ताइवान सैन्य बेस पर वायुसेना में 64 उन्नत एफ-16वी लड़ाकू विमानों को शामिल हैं। ये विमान ताइवान के कुल 141 एफ-16 ए/बी लड़ाकू विमानों का हिस्सा हैं, जो 1990 के आसपास में विकसित किए गए थे। वर्ष 2023 के अंत तक इन सभी विमानों को पूर्ण रूप से उन्नत कर दिया जाएगा। ताइवान ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब वह चीन व अमेरिका के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह बन चुका है।

China vs Taiwan: अमेरिका के इस जंगी जहाज से घबराया चीन, ताइवान ने तैनात किया F-16वी लड़ाकू विमान, जानें- इसकी खूबियां
Author: Ramesh Mishra
Publish Date: Sun, 21 Aug 2022 12:39 PM (IST)Updated Date: Sun, 21 Aug 2022 12:50 PM (IST)
China vs Taiwan: अमेरिका के इस जंगी जहाज से घबराया चीन। एजेंसी।
China vs Taiwan अमेरिकी कांग्रेस की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान ने चीन की धमकियों का करारा जवाब दिया है। उसने अपनी रक्षा शक्ति बढ़ाते हुए वायुसेना में उन्नत एफ-16वी लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। आइए जानते हैं क्‍या है इसकी खूब‍ियां।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। अमेरिकी कांग्रेस की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान ने चीन की धमकियों का करारा जवाब दिया है। उसने अपनी रक्षा शक्ति बढ़ाते हुए वायुसेना में उन्नत एफ-16वी लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। ताइवान सैन्य बेस पर वायुसेना में 64 उन्नत एफ-16वी लड़ाकू विमानों को शामिल हैं। ये विमान ताइवान के कुल 141 एफ-16 ए/बी लड़ाकू विमानों का हिस्सा हैं, जो 1990 के आसपास में विकसित किए गए थे। वर्ष 2023 के अंत तक इन सभी विमानों को पूर्ण रूप से उन्नत कर दिया जाएगा। ताइवान ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब वह चीन व अमेरिका के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह बन चुका है।

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एफ-16V की खूबियां

अमेरिका एफ-16 वाइवर लड़ाकू विमान F-35 और F-22 रैप्टर जैसे पांचवी पीढ़ी के विमानों के साथ युद्ध के मैदान में तबाही मचा सकता है। यह युद्धक विमान एयर डिफेंस को चकमा दे सकता है। इसके अलावा इसे हवा से जमीन और हवा से हवा में लड़ाई जैसे मिशनों पर तैनात किया जा सकता है।


यह विमान दुश्मन के क्षेत्र में अंदर तक घुसकर हमला करने में सक्षम है। इतना ही नहीं, इसे समुद्री मिशनों पर भी तैनात किया जा सकता है। इस विमान के मिशन को जरूरत के हिसाब से कभी भी बदला जा सकता है। इतना ही नहीं यह सभी मौसमों में कठिन से कठिन लक्ष्यों को भी खोज सकता है।
इसको हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया जा सकता है। इसमें मीडियम रेंज की एयर टू एयर मिसाइलों को भी फिट किया जा सकता है। यह लड़ाकू विमान एंटी-शिप मिसाइलों और एयर-टू-ग्राउंड टैक्टिकल मिसाइल के साथ-साथ लेजर-गाइडेड बम से भी हमला कर सकता है।

इस विमान में उच्च क्षमता वाला रडार लगाया गया है, जो एक साथ दुश्‍मन के 20 से अधिक लक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम है। बेहद उन्नत इलेक्ट्रानिक युद्ध प्रणाली के साथ ही इसमें अत्याधुनिक हथियार, सुव्यवस्थित जीपीएस नेविगेशन व धरती पर टकराव से बचने की स्वचालित प्रणाली लगाई गई हैं।
इसमें लगे अत्‍याधुनिक रडार सभी मौसमों में टारगेट को ढूंढने में सक्षम है। यह जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को हाई रिजाल्यूशन में पहचान कर सकता है। इसके अलावा फेज एरी रडार से हवा से हवा और हवा से सतह मोड को एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसे ग्लास काकपिट, मिशन कंप्यूटर और अत्याधुनिक एवियोनिक्स के साथ अपग्रेड किया गया है। सीपीडी पायलट को वास्तविक स्थिति की सटीक जानकारी प्रदान करता है। एफ-16 वाइपर एक अपग्रेडेड प्रोग्राम करने योग्य डिस्प्ले जनरेटर से भी लैस है। इससे दोस्त और दुश्मन लड़ाकू विमान में तेजी से समझ बढ़ती है।
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नैंसी की यात्रा के बाद बढ़ा तनाव

बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इसी हफ्ते एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन से कहा था कि ताइवान पर चीन के दावे को दी जानी वाली चुनौतियों का मतलब आग से खेलना होगा। नैंसी की यात्रा के बाद चीन ने ताइवान को चारों ओर से घेरना शुरू कर दिया है। एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका-चीन आर्थिक व सुरक्षा समीक्षा आयोग ने संसद में सौंपी गई वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि ताइवान पर हमले के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) क्षमता हासिल करने के करीब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दशकों से जारी चीनी सेना के आधुनिकीकरण ने ताइवान व चीन के बीच शक्ति का असंतुलन कर दिया है। ताइवान कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है।