नागलदेही गॉव में लोगों का दाँत पड़ रहा पीला, गॉव के आधा से ज्यादा आबादी में इस तरह की है शिकायत

in #cg2 years ago

देवभोग...

देवभोग ब्लॉक के नागलदेही गॉव के लोगों का दाँत पीला पड़ने लगा है.. यहां बताना लाजमी होगा कि दाँत के पीला होने की शिकायत गॉव के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को है.. ग्रामीणों की माने तो गॉव में 10 साल के बच्चे से लेकर युवा, अधेड़ और बुजुर्ग भी इस बीमारी के चपेट में है..गॉव के गोवर्धन नायक, नरहरी यादव और हरीश सिंग की माने तो दाँत का पीलापन लगातार बढ़ते जा रहे है..
गोवर्धन के मुताबिक गॉव की आबादी लगभग 600 के आसपास है, जिसमें लगभग 90 प्रतिशत लोगों का दाँत पीला पड़ चुका है.. गोवर्धन बताता है की शुरुआत में तीन से चार साल तक दाँत पीला पड़ता है, इसके बाद लाल पड़ने लगता है.. कुछ सालों बाद पूरा दाँत काला पड़ जाता है..
IMG-20220630-WA0388.jpg गोवर्धन ने बताया कि ग्रामीणों के दाँत के पीलेपन होने की शिकायत तेजी से बढ़ रही है..पानी में फ्लोराइड की मात्रा है ज्यादा -: ग्रामीणों ने बताया कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने से उन्हें इस तरह की शिकायत हो रही है.. ग्रामीणों ने यह भी कहा की इस पानी के सेवन से उनके हड्डीयों में भी दर्द शुरू हो रहा है.. ग्रामीण बताते है कि उन्हें डर सता रहा है कि जिस तरह इस पानी के सेवन से बच्चों का दाँत पीला पड़ रहा है, ऐसे में भविष्य में बच्चों को इस पानी के सेवन से और किसी तरह की तकलीफ ना हो..

सुपेबेडा में भी पानी को लेकर ग्रामीण उठा चुके है सवाल -: यहां बताना लाजमी होगा कि किडनी प्रभावित गॉव सुपेबेडा में भी लोग गॉव के पानी पर सवाल खड़ा कर चुके है.. ग्रामीण कई दफे नदी से स्वच्छ पानी दिए जाने कि मांग कर चुके है.. ग्रामीणों का दावा है कि उन्हें साफ नहीं नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, और लोग किडनी की बीमारी के शिकार हो रहे है.. वहीं नागलदेही के ग्रामीण भी दाँत के पिले होने के बाद पानी की शुद्धता पर सवाल खड़ा कर रहे है.. ग्रामीण दावा कर रहे है कि उनके गॉव के पानी में फ्लोराइड कि मात्रा ज्यादा है, जिसके चलते उन्हें इस तरह की परेशानी हो रही है..

मामले में पीएचई एसडीओ अरुण भार्गव ने बताया कि वे गॉव के सभी हैंडपम्प के पानी की जाँच करवाएंगे, यदि पानी में किसी भी तत्व की मात्रा ज्यादा पाया गया तो उसके लिए उचित कदम उठाया जायेगा..

वहीं बीएमओ डॉक्टर अंजू सोनवानी ने कहा कि इसे डेंटल फ्लूरोसीस कहते है, पानी में फ्लोराइड कि मात्रा ज्यादा होने पर दाँत पहले पीला पड़ने लगता है, इसके बाद काला पड़ जाता है.. उन्होंने कहा कि आरबीएसके की टीम लगातार जाँच करती है, पिछले दो सालों से कोरोना के चलते स्कूल बंद थे, जिसके चलते जाँच प्रभावित हुआ.. अब स्कूल खुलने के बाद टीम स्कूलों में जाकर बच्चों के दाँत की जाँच कर रही है..IMG-20220630-WA0386.jpgIMG-20220630-WA0385.jpg