Mau News: सरकारी कर्मचारी बताकर की शादी, तीन साल बाद दहेज के लिए विवाहिता को पीटकर घर से निकाला

in #caselast month (edited)

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की पुलिस ने दहेज उत्पीड़न के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर मामले की छानबीन में जुटी हुई है।


Image credit: Amarujala

मऊ पुलिस ने मिश्रौली सरायसादी गांव निवासी आठ लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया है। जिले के भीमपुरा थाना क्षेत्र के कसेसर गांव निवासी शैल देवी ने तहरीर में बताया कि उसकी बेटी ज्योति गुप्ता की शादी पांच फरवरी 2021 को घोसी कोतवाली क्षेत्र के मिश्रौली सरायसादी गांव निवासी सूरज गुप्ता के साथ हुई थी।

आरोप है कि शादी से पहले ने सूरज ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताया था। शादी के बाद दहेज के लिए ससुराल वाले ज्योति को प्रताड़ित करते थे। बताया कि 21 जुलाई की रात पति सूरज गुप्ता, सास राधिका देवी, ससुर कुबेर, ननद रंजन, चंदा, चांदनी, निर्मला ने दो बच्चों की मां ज्योति को मारपीट कर घर से निकाल दिया। उसे रोज जान से मारने की धमकी देते हैं।

विस्तृत समाचार:

पीड़िता के अनुसार, आरोपी ने शादी के समय खुद को एक प्रतिष्ठित सरकारी विभाग में कार्यरत बताया था। शादी के बाद जब पीड़िता को सच्चाई का पता चला तो उसने विरोध किया। लेकिन आरोपी और उसके परिवार ने दहेज की मांग करना जारी रखा। जब पीड़िता ने उनकी मांगों को पूरा करने से मना किया तो उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया।

आरोप है कि आरोपी और उसके परिवार के सदस्यों ने पीड़िता के साथ मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता ने इस संबंध में स्थानीय पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है। दहेज प्रथा एक सामाजिक बुराई है जो न सिर्फ महिलाओं के जीवन को बर्बाद करती है बल्कि पूरे परिवार को भी प्रभावित करती है। इस तरह की घटनाएं हमें एक बार फिर याद दिलाती हैं कि दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे।

सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं लेकिन इन कानूनों का प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पा रहा है। हमें सभी को मिलकर इस समस्या से लड़ना होगा और दहेज लेने और देने वालों को सख्त सजा दिलानी होगी।

पीड़िता को न्याय दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमें इस मामले पर नजर रखनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोपी को कड़ी सजा मिले। साथ ही, हमें पीड़िता को हर संभव मदद प्रदान करनी चाहिए ताकि वह इस मुश्किल दौर से उबर सके