नाले के रिसाव को रोकने के लिए ग्रामीणों ने किया चंदा जुटाना, बल्ली और मिट्टी

in #case10 days ago

मऊ 06 सितम्बर: (डेस्क)दुबारी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या ने स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर कर दिया है। मधुबन तहसील के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में, हाहा नाला और भागड़ा तालाब के पास बने रेगुलेटर पुलिया से पानी रिसाव की समस्या ने ग्रामीणों को परेशान कर रखा था।

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जब प्रशासनिक प्रतिनिधियों और तहसील के जिम्मेदारों ने ग्रामीणों की गुहार नहीं सुनी, तो पांच गांवों के ग्रामीणों ने एकजुट होकर इस समस्या का समाधान खुद करने का निर्णय लिया।

ग्रामीणों ने चंदा एकत्र कर छह घंटे की मेहनत के बाद रिसाव को ठीक किया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि जब प्रशासनिक तंत्र विफल होता है, तो समुदाय कैसे एकजुट होकर अपने मुद्दों का समाधान कर सकता है। इससे पहले, पिछले शुक्रवार को भी ग्रामीणों ने सरयू नदी के तेज प्रवाह में बह गए जरलहवा मार्ग को खुद ईंट डालकर ठीक किया था।

इस प्रकार की घटनाएं स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी और ग्रामीणों की सक्रियता को दर्शाती हैं। बाढ़ के कारण संपर्क मार्गों पर कई फुट पानी भरा हुआ है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। नाव के माध्यम से ही लोग अपने-अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।

मधुबन तहसील क्षेत्र में बाढ़ के प्रभाव का निरीक्षण करने के लिए एसडीएम ने भी दौरा किया। उन्होंने बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लिया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण की व्यवस्था की। कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत किट का वितरण किया, जिससे प्रभावित लोगों को थोड़ी राहत मिली।

इस स्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान स्थानीय प्रशासन की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। प्रशासन को चाहिए कि वह ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से ले और त्वरित समाधान प्रदान करे।

ग्रामीणों की एकजुटता और सामूहिक प्रयासों ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन असफल होता है, तो समुदाय खुद को संभालने की क्षमता रखता है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए एक सबक हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि कैसे लोग अपने अधिकारों के लिए खड़े हो सकते हैं।

दुबारी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि स्थानीय समुदायों की सक्रियता और एकजुटता किसी भी संकट का सामना करने में महत्वपूर्ण होती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस अनुभव से सीख लेकर भविष्य में बेहतर योजना बनाएं और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें।

इस प्रकार, दुबारी क्षेत्र की बाढ़ग्रस्त स्थिति ने प्रशासन के प्रति ग्रामीणों की निराशा को उजागर किया है, लेकिन साथ ही यह भी दर्शाया है कि जब लोग एकजुट होते हैं, तो वे किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं।