आजमगढ़ समाचार: 204 साल बाद 8वीं पीढ़ी मनाएगी फकीर सिंह की तेरहवीं
आजमगढ़ 05 सितम्बरः(डेस्क)बरदह क्षेत्र के गोड़हरा गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने 204 साल बाद अपने पूर्वज का तेरहवीं करने का निर्णय लिया है।
यह पूर्वज 1820 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ बगावत करने के कारण मारे गए थे। बताया जाता है कि उन्हें अंग्रेजों ने एक पेड़ से बांधकर छोड़ दिया था, जिसके बाद जंगली जानवरों ने उन्हें अपना निवाला बना लिया।
गांव के निवासी इस निर्णय को एक श्रद्धांजलि के रूप में देख रहे हैं। इस तेरहवीं में गांव के लोग एकत्रित होकर अपने पूर्वज को याद करेंगे और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। यह घटना न केवल गांव के लोगों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक घटना है।
गांव में यह चर्चा भी है कि इस तेरहवीं के माध्यम से लोग अपने इतिहास को पुनर्जीवित करना चाहते हैं और अपने पूर्वजों के बलिदान को याद करना चाहते हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि कैसे लोग अपने अतीत से जुड़कर अपने वर्तमान को समझने का प्रयास कर रहे हैं।
इस प्रकार, गोड़हरा गांव में यह तेरहवीं न केवल एक धार्मिक क्रिया है, बल्कि यह एक सामुदायिक एकता का प्रतीक भी है। लोग इस अवसर पर अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करेंगे और उनके बलिदान को याद करेंगे।