भारत में क्या है क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य? क्या सरकार के रुख से क्रिप्टो के दिन लदने वाले हैं?
दुनियाभर के बाजारों में इस साल के शुरुआत से मंदी के कारण क्रिप्टो बाजार में भी इसका असर देखने को मिला है। साल 2022 में भारत में क्रप्टो से जुड़े कुछ नए नियम भी प्रभाव में आए हैं। क्रिप्टो से होने वाली आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स और क्रिप्टो की लेनदेन में 1 प्रतिशत TDS का प्रावधान इनमें शामिल है।
साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में 2020 की तुलना में साढ़े 15 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी। जहां 2020 में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में महज 28.10 मिलियन यूएस डॉलर का निवेश किया था वहीं साल 2021 में यह बढ़कर लगभग 438.18 मिलियन यूएस डॉलर हो गया था। साल 2022 के बीते छह महीनों में क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 139.9 मिलियन डॉलर का निवेश देखने को मिला है।
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