भारत में एडमिशन लेंगे विदेशी स्टूडेंट्स! UGC ने डिस्टेंस लर्निंग गाइडलाइंस में किया बदलाव

in #bulandshah2 years ago

n4067637321658551823248a53261f14cf7285e72e6381221c43edb8a643152baee4b757584f530c54e82fa.jpgयूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने अपने ओपन और डिस्टेंस लर्निंग गाइडलाइन्स में बदलाव किया है. इसका मकसद विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित प्रोजेक्ट के जरिए UGC द्वारा मान्यता प्राप्त ऑनलाइन प्रोग्राम्स में विदेशी स्टूडेंट्स को एडमिशन लेने के लिए प्रोत्साहित करना है.
UGC (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम्स एंड ऑनलाइन प्रोग्राम्स) सेकेंड अमेंडमेंट रेगुलेशन, 2022 को 18 जुलाई को गजट में नोटिफाई किया गया है. इसके जरिए अब विदेशी स्टूडेंट्स को बड़ी राहत मिलने वाली है.

UGC चेयरपर्सन एम जगदेश कुमार ने कहा कि 2020 के रेगुलेशन के तहत अंतराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की पहचान करने का एकमात्र जरिया ‘पासपोर्ट’ होता था. उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्रालय ने पाया कि कई एप्लिकेशन या तो एक्सपायर हो चुके पासपोर्ट जमा करने या पासपोर्ट जमा नहीं करने की वजह से रिजेक्ट किए जा रहे थे.’ कुमार ने कहा, ‘फिर विदेश मंत्रालय ने UGC से ‘फोटो के साथ किसी भी राष्ट्रीय पहचान’ पर विचार करने का अनुरोध किया और ई-विद्याभारती (टेली-एजुकेशन) परियोजना के तहत भारतीय यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए पासपोर्ट की अनिवार्य आवश्यकता से छूट दी गई.’

15 हजार स्कॉलरशिप देने का प्लान
संशोधित नियमों से विदेशी स्टूडेंट्स को बड़ा फायदा पहुंचने वाला है. विदेश मंत्रालय के जरिए एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को प्रमाणीकरण के लिए अपने निवास के देश की तस्वीर के साथ किसी भी नेशनल आइडेंटिटी को जमा करने का ऑप्शन होगा. विदेश मंत्रालय केंद्र की ई-विद्याभारती (टेली-एजुकेशन) परियोजना के तहत अफ्रीकी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप प्रदान करता है. इस प्रोजेक्ट का मकसद 5 सालों की अवधि के दौरान अफ्रीकी स्टूडेंट्स को कम से कम 15 हजार स्कोलरशिप मुहैया कराई जाएगी.

किन स्टूडेंट्स को मिलेगा नए नियमों का फायदा
UGC द्वारा मान्यता प्राप्त/एनटाइटल्ड ऑनलाइन प्रोग्राम ई-विद्याभारती पोर्टल पर पेश किए जाते हैं और स्टूडेंट्स को विदेश मंत्रालय के जरिए एडमिशन दिया जाता है. UGC चेयरपर्सन ने कहा कि कुमार ने कहा कि संशोधन केवल विदेश मंत्रालय के माध्यम से UGC प्लेटफार्मों पर एनरॉल करने वाले स्टूडेंट्स के लिए लागू होगा. उन्होंने कहा, इस संशोधन से ऑनलाइन प्रोग्राम्स में अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स के नामांकन की संख्या में सुधार की उम्मीद है. भारत में अधिकतर नेपाल, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के स्टूडेंट्स पढ़ाई करने के लिए आते हैं. उनके लिए तरह-तरह की स्कॉलरशिप भी चलाई जाती है.

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