चरखा के साथ खादी मार्क पर केवीआईसी का हुआ अधिकार

in #buisness2 years ago

दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के पास सुप्रसिद्ध चरखा लोगो के साथ ही खादी मार्का पर भी अधिकार हो गया है। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय में केवीआईसी ने खादी बाय हेरिटेज नामक एक निजी संस्का के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा, लागत और नुकसान भरपाई की मांग की थी

जोकि खादी बाय हेरिटेज के नाम से पीपीई किट, हैंड सेनिटाइजर और फायरबॉल बेच रही थी। उक्त संस्था अपने उत्पादों पर केवीआईसी के चरखा लोगो का उपयोग भी कर रही थी।

केवीआईसी के पक्ष में 10 लाख का हर्जाना और 2 लाख लागत संबंधी न्यायालय ने दिया निर्णय
बता दें कि केवीआईसी ने संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित एक सांविधिक निकाय होने पर प्रसिद्ध ट्रेडमार्क खादी के साथ ही चरखा लोगो पर अपने स्वामित्व का दावा किया था। जिसके बाद न्यायालय ने संस्था केवीआईसी के पक्ष में 10 लाख रूपए का हर्जाना और 2 लाख लागत संबंधी निर्णय दिया है। इस दौरान न्यायालय ने संस्था पर वेबसाइटों और अन्य ऑनलाइन लिस्टिंग के माध्यम से अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए खादी चिह्न का दुरूपयोग करने की बात कही है। साथ ही केडीसीआई या खादी डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया संस्था जोकि मिस एंड मिसेज इंडिया खादी नामक प्रदर्शनी (पेजेंट) का अयोजन करती है उसके विरूद्ध दायर एक अन्य मामले में आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया कि खादी ट्रेडमार्क और चरखा लोगो सुप्रसिद्ध है और इनका दुरूपयोग नहीं किया जा सकता। केडीसीआई के संस्थापक अंकुश अनामी के विरूद्ध अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस इस टिप्पणी के साथ जारी किया गया कि केवीआईसी के वकील द्वारा प्रस्तुत सामग्री प्रथम दृष्टया दर्शाती है कि उनके विरूद्ध निषेधाज्ञा आदेश पारित होने के बावजूद प्रतिवादी खादी ट्रेडमार्क का उपयोग करते हुए मंत्रालयों, राज्य सरकारों से पत्राचार कर रहा है।

बेईमान तृतीय पक्षों को खादी ट्रेडमार्क का मुद्रीकरण नहीं करने देंगे : मनोज कुमार
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि हम दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खादी ट्रेडमार्क का दुरूपयोग करने वालों को दिए गए कड़े संदेश से खुश हैं। यह एक मूल्यवान ब्रांड है और हम चुपचाप नहीं बैठेंगे तथा बेईमान तृतीय पक्षों को इसका मुद्रीकरण नहीं करने देंगे। खादी ट्रेडमार्क को सुप्रसिद्ध ट्रेडमार्क घोषित करना हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।