कासगंज में भरभराकर गिरा मकान, दपंती घायल
अलीगढ़ 18 अगस्त : (डेस्क) उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक मकान भरभराकर गिर गया। हादसा सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव बल्हारपुर में हुआ। गांव निवासी हर स्वरूप का घर मिट्टी के गायरा से बना हुआ था।
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कासगंज में मिट्टी के मकान का भरभराकर गिरना: दो घायल
कासगंज के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव बल्हारपुर में एक मिट्टी के मकान का अचानक गिरना दर्दनाक हादसा है। तड़के करीब 3:30 बजे गिरे इस मकान में दबकर गांव निवासी हर स्वरूप और उनकी पत्नी घायल हो गए। ग्रामीणों ने मलबे से उन्हें बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार के लिए सिढ़पुरा स्थित स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
मकान का निर्माण और गिरने का कारण
हर स्वरूप का मिट्टी का गायरा से बना मकान था। मकान का निर्माण काफी पुराना था और मिट्टी की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं थी। इसके अलावा, मौसम में आई अचानक तेज बारिश और हवाओं के कारण मकान की दीवारें कमजोर पड़ गई थीं, जिससे वह भरभराकर गिर गया।
घायलों की स्थिति और प्रशासनिक कार्रवाई
घायल हर स्वरूप और उनकी पत्नी को प्राथमिक उपचार के लिए सिढ़पुरा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्थिति स्थिर है और उन्हें आगे के उपचार के लिए कहीं और रेफर नहीं किया जाना पड़ा।
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम कोमल पवार और तहसीलदार मौके पर पहुंच गए। उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया और परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और शासन प्रशासन द्वारा नियमानुसार जो भी मदद मिलती है, वह हर संभव दिलाई जाएगी।
समाज में मिट्टी के मकानों की समस्या
यह हादसा मिट्टी के मकानों की समस्या को उजागर करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई लोग मिट्टी के मकानों में रहते हैं, जो अक्सर जर्जर हो जाते हैं और बारिश या भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में गिर जाते हैं। इससे न केवल जानमाल का नुकसान होता है, बल्कि लोगों को आश्रय और सुरक्षा का अभाव भी महसूस होता है।
सरकार को इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। ग्रामीणों को मजबूत और सुरक्षित मकान बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इससे न केवल उनका जीवन सुरक्षित होगा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी आएगा।
निष्कर्ष
कासगंज के बल्हारपुर गांव में मिट्टी के मकान का गिरना एक दर्दनाक हादसा है। इस घटना ने एक बार फिर मिट्टी के मकानों की समस्या को उजागर किया है। सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देने और ग्रामीणों को सुरक्षित मकान बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। साथ ही, उन्हें आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इससे न केवल उनका जीवन सुरक्षित होगा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी आएगा।