Keshto Mukherjee Birth Anniversary: पर्दे पर नशे में धुत रहने वाले कैस्टो मुखर्जी को असित सेन ने बनाया था 'नशेड़ी'

in #bollywood2 years ago

बॉलीवुड में एक से बढ़कर कॉमेडी एक्टर हुए हैं. जिसमें जॉनी वॉकर, महमूद, टुनटुन, जगदीप, असरानी, मुकरी के साथ ही एक मशहूर कॉमेडियन एक्टर थे कैस्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee). कैस्टो जैसे ही लड़खड़ाते हुए पर्दे पर अवतरित होते थे दर्शकों की हंस-हंस कर लोटपोट हो जाते थे.कैस्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee) एक ऐसे भारतीय कॉमेडियन एक्टर थे जिन्हें देखते ही दर्शकों की हंसी छूट जाती थी. ब्रिटिश काल में 7 अगस्त 1925 को कोलकाता (उस दौर का कलकत्ता) में पैदा हुए कैस्टो हिंदी फिल्मों में अपने ड्रंक किरदारों के लिए आज भी याद किए जाते हैं. लेकिन कैस्टो जब फिल्मी दुनिया में आए थे तो तब नशेड़ी का रोल नहीं करते थे, ये तो असित सेन थे जिसने पहली बार इस अंदाज में उन्हें पर्दे पर पेश किया. ‘जंजीर’ और ‘शोले’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए दिवंगत एक्टर आज भी याद किए जाते हैं. मशहूर कॉमेडियन की जयंती पर बताते हैं उनकी फिल्मी जीवन की कहानी.कमाल के एक्टर रहे कैस्टो मुखर्जी के लिए कोई विश्वास ही नहीं कर सकता कि शराब के नशे में चूर किरदार निभाने वाले एक्टर ने जीवन भर नशा किया ही नहीं. हालांकि एक लत तो उन्हें कलकत्ते में लग गई थी. कैस्टो नशा जरूर करते थे, लेकिन रंगमंच और नुक्कड़ नाटकों का, ये नशा उनके ऊपर इस कदर सवार था कि उन्हें बॉलीवुड तक ले आया. ये लत ऐसी लगी कि थियेटर के बाद हिंदी सिनेमा का जाना-माना चेहरा बन गए.
असित सेन ने पहली बार दिया था नशेड़ी का किरदार
कैस्टो मुखर्जी ने राज कपूर के साथ ‘तीसरी कसम’, ‘साधु और शैतान’ में किशोर कुमार के साथ तो ‘पड़ोसन’, ‘बॉम्बे टू गोवा’ जैसी कई फिल्मों में काम किया. ह्रषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘मुसाफिर’ में तो स्ट्रीट डांसर के रोल में नजर आए. 1954 से लेकर 1970 तक कई अलग-अलग भूमिकाओं में पर्दे पर नजर आए. लेकिन असित सेन ने पहली बार क्रेस्टो को पहली बार नशे में धुत किरदार के लिए फिल्म ‘मां और ममता’ में कास्ट किया.1970 में रिलीज हुई फिल्म ‘मां और ममता’ में कैस्टो मुखर्जी को देख कोई अंदाजा ही नहीं लगा सकता कि बिन पिए भी कोई ऐसी शानदार एक्टिंग कर सकता है. कैस्टो का ये अंदाज दर्शकों के साथ-साथ फिल्मकारों को ऐसा जमा कि इसके बाद तो वह टाइप्ड ही हो गए. इतने मशहूर हुए कि फिर धीरे-धीरे यही किरदार उनकी पहचान बन गई. शराब के नशे में लड़खड़ाता देख कोई विश्वास ही नहीं कर सकता कि इस शख्स ने जीवन भर शराब को हाथ भी नहीं लगाया.कैस्टो मुखर्जी की कॉमिक टाइमिंग कमाल की थी
कैस्टो मुखर्जी की खासियत ये थी कि उनके रोल को चाहे उतने दमदार तरीके से स्क्रिप्ट में ना लिखा गया हो लेकिन पर्दे पर उसे यादगार बना देते थे. करीब 30 साल के करियर में 90 से अधिक फिल्मों में काम करने वाले कैस्टो की कॉमिक टाइमिंग गजब की थी. ऐसे महान कलाकार भला कभी भुलाए जा सकते हैं.
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