आम आदमी की आवाज थे महान गजलकार दुष्यंत कुमार

in #birthday2 years ago

Screenshot_2022-09-01-08-11-20-57_680d03679600f7af0b4c700c6b270fe7.jpgमेरठ । महान गजलकार दुष्यंत कुमार की आज जयंती है। एक सितम्बर 1933 को नजीबाबाद के राजपुर नवादा में जन्मे दुष्यंत ऐसे पहले गजलकार थे, जिन्होंने आम आदमी की आवाज को जगह दी।
दुष्यंत कुमार के पुत्र आलोक त्यागी ने एक विशेष बातचीत में कहा कि पिता दुष्यंत ने वह लिखा जो वक्त की जरूरत थी। वे अपने कवि धर्म के पालन से अमर हो गए। आलोक ने कहा, पिता 42 साल जिए और 47 साल उन्हें गए हो गए, इतने समय बाद भी लगातार ख्याति बढ़ने का कारण यही है कि समाज समझता है किसने अपने कवि धर्म का पालन किया और किसने नहीं। यदि लेखक समाज से प्यार करता है और जोखिम उठाता है तो समाज भी आपको जरूर प्यार देता है। इमरजेंसी के दौर में किसने कितना लिखा ये अनुसंधान का विषय है। जब कुछ बड़े नाम शब्दों के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे थे, तब उनकी गजलों ने आम आदमी को आवाज दी। उन कालजई गजलों को आज भी समाज महसूस करता है तो कारण यही है कि तब और आज के हालात में आम आदमी के लिए खास परिवर्तन नहीं है। आज जो लिख रहे हैं, उनकों समझना चाहिए कि समाज को वे क्या दे रहे हैं।
आइए इन पंक्तियों के साथ क्रांतिकारी गजलकार को याद करते हैं।
मत कहो आकाश में कोहरा घना है, ये किसी की व्यक्तिगत आलोचना है।
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