प्रदेश में 4 करोड़ 35 लाख व्यक्ति राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा....

in #bikaner2 months ago

प्रदेश में 4 करोड़ 35 लाख व्यक्ति राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
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योजना के तहत लाभान्वित -खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री
जयपुर, 22 जुलाई। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेशवासियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश में 4 करोड़ 46 लाख आवेदनों में से 4 करोड़ 35 लाख व्यक्ति लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में खाद्य सुरक्षा पोर्टल के अंतर्गत 19 लाख 57 हजार 991 नवीन आवेदन प्राप्त हुए थे। वर्तमान में 13.9 लाख आवेदन विभिन्न कारणों से लम्बित हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 4 करोड़ 46 लाख व्यक्ति शामिल है। केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 9 के तहत 53 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में एवं 69.09 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा शेष वंचित परिवारों में से 1 लाख 66 हजार सामाजिक सुरक्षाधारी विशेष योग्यजनों को योजना के अंतर्गत जोड़ दिया गया है एवं बारां जिले के सहरिया जनजाति के 22 हजार 172 वंचितों के नामों को जोड़ा जाना प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त लगभग 1 लाख 50 हजार विशेष योग्यजनों के नाम, जनाधार कार्ड के राशन कार्ड से न जुड़े होने के कारण लंबित है। इन शेष विशेष योग्यजनों को भी खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। श्री गोदारा ने कहा कि शेष लगभग 6 लाख 90 हजार परिवारों के नाम जोड़े जाने का कार्य भी किया जा रहा है।

इससे पहले विधायक श्री पब्बाराम विश्नोई के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि विधान सभा क्षेत्र फलौदी में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 55 हजार 950 परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र फलौदी में विगत पांच वर्षों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 10 हजार 657 पात्र परिवारों को जोड़ा गया है एवं 5030 आवेदन नाम जोड़ने के लिए लंबित है।


सविता/ संतोष

राजसमंद में जिला उपभोक्ता आयोग की चारदीवारी निर्माण का काम शीघ्र किया जाएगा - उपभोक्ता मामलात मंत्री
जयपुर, 22 जुलाई। उपभोक्ता मामलात् मंत्री श्री सुमित गोदारा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राजसमंद जिला उपभोक्ता आयोग की चारदीवारी का निर्माण जल्द शुरू कराया जायेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रस्ताव प्राप्त होने पर आयोग के भवन विस्तार की कार्यवाही की जाएगी।
उपभोक्ता मामलात् मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को बताया कि भवन विस्तार के लिए गत 5 वर्षों में केन्द्र सरकार से 64 लाख रुपए की अनुदान राशि प्राप्त हुई थी। राशि को प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर बारां, बाड़मेर, भरतपुर, बूंदी, चुरू, धौलपुर, झालावाड, नागौर, सिरोही और टोंक जिला उपभोक्ता आयोगों के लिए आवंटित किया गया।

इससे पहले विधायक श्रीमती दीप्ति किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उपभोक्ता मामलात मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 37 जिला उपभोक्‍ता आयोग स्‍थापित है। इनमें 36 जिला उपभोक्‍ता आयोग राजकीय भवन में एवं एक जिला उपभोक्‍ता आयोग किराये के भवन में संचालित है। उन्होंने इसकी सूची सदन के पटल पर रखी।

उपभोक्ता मामलात मंत्री ने बताया कि विगत 5 वित्‍तीय वर्षों में मुख्‍यालय स्‍तर पर किसी भी नवीन जिला आयोग का निर्माण कार्य व विस्‍तार नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि सामान्‍यत: कार्यालीय व्‍यवस्‍था अनुसार समस्‍त 37 जिला आयोगों में उपभोक्‍ताओं, अभिभाषकों एवं सलाहकारों के लिए पेयजल, बैठक एवं शौचालय की सुविधायें उपलब्‍ध हैं।


सोनू/ प्रियंका

नहरी पानी की चोरी रोकने हेतु स्पेशल टास्क फोर्स बने- विद्यायक श्री अंशुमान सिंह भाटी

पारम्परिक जल स्त्रोतों हेतु 5 हजार करोड़ के बजट प्रावधान की मांग उठाई

वर्ष 2023 में हुए नहरी मरम्मत के कार्य की उच्च स्तरीय जांच की मांग

बीकानेर, 22 जुलाई । राज्य विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कोलायत विधायक श्री अंशुमान सिंह भाटी ने सोमवार को विशाल नहरी तंत्र की सुरक्षा के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाने व पारम्परिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए 5 हजार करोड़ के बजट के प्रावधान की मांग रखी। विधानसभा में नहरों की मरम्मत में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की।

सदन में विधायक श्री अंशुमान सिंह भाटी ने कहा 650 किलोमीटर लंबी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से 16 जिले लाभान्वित होते हैं। पैसठ लाख बीघा धरती पर सिंचाई होती है ।राजस्थान की चौथाई आबादी को पेयजल प्राप्त होता है। श्री भाटी ने कहा 8000 करोड़ की लागत से बनने वाली इस नहर परियोजना से 16 हजार करोड़ रुपए की फसल मिलती है। इस नहर के आने से क्षेत्र के निवासियों की शिक्षा और चिकित्सा स्तर तथा जीवन शैली में सुधार हुआ है, इसलिए इसे राजस्थान की गंगा कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भाटी ने कहा, नहरी पानी की चोरी पर कठोर सजा का प्रावधान हो।
सदन में भाटी ने सुझाव दिया कि धारा 55 Rajasthan Irrigation and Drainage Act 1954 में संशोधन करके दोषी अपराधियों को सिंचाई पानी चोरी करने पर 50 हजार रुपए से अधिक के जुर्माने की सजा हो और 5 वर्ष से अधिक का कारावास हो। आदतन अपराधी को 1 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना और 7 वर्ष से अधिक का कारावास हो। ऐसे अपराध को गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में डाला जाए। ऐसे प्रकरणों का निस्तारण 6 महीने की समय सीमा में हो, जिससे अपराधियों में भय व्याप्त हो।

श्री भाटी ने कहा कि वर्ष 1980 से 1989 तक इंदिरा गांधी नहर परियोजना में बेलदार, मेट, गेज-रीडर जैसे श्रमिकों की भर्ती की गई थी। जिनका काम नहरी तंत्र की सुरक्षा करना और जल वितरण पर प्रभावी नियंत्रण व निगरानी रखने का था। समय के बीतने के साथ यह सभी श्रमिक लगातार सेवानिवृत्त होते गये और आज मात्र तीन प्रतिशत स्टाफ सेवा में रहे हैं, जो कि 2026 तक पूर्णतः शून्य हो जाएगा। भाटी ने राज्य सरकार से मांग की कि पाँच वर्षों में प्रतिवर्ष एक हजार कैनाल गार्ड, बेलदार मेट व गेज-रीडर जैसे श्रमिकों की स्थाई नियुक्ति हो, जिससे नहरी सिंचाई प्रणाली सुचारू रूप से चल सके और इस परियोजना का अपना वैभव-गौरव लौट सके।

श्री भाटी ने कहा इतने विशाल नहरी तंत्र की सुरक्षा तथा जल वितरण में पानी चोरी रोकने हेतु एक विशेष टास्क फोर्स की आवश्यकता है। श्री भाटी ने कहा कि कोलायत के सगरा क्षेत्र में जल संग्रहण और संरक्षण के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जिससे बहुमूल्य वर्षा जल बह जाता है। भाटी ने कहा कि अगस्त 2023 में हुई अतिवृष्टि से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे, जिससे नहरी तंत्र, कच्ची और पक्की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। कई गांव डूबने के कगार पर आ गए थे और फसल, ट्यूबवेल और अन्य साधन नष्ट हो गए थे, जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ। अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित गांवों नया गांव, लाड खान, हिराई, छिन्नरी, राणेरी, मंडाल भाटियां, मंडाल चारणन, गडियाला मोटासर, ग्रांधी, बज्जु तेजपुर, बज्जू खालसा में प्राकृतिक और पारंपरिक जल स्रोतों को पुनजीवित करने के लिए वाटरशेड और वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर (WHS) निर्माण हेतु वर्ष 2024-25 के लिए 5 करोड़ का बजट प्रावधान किया जाए।

श्री भाटी ने कहा आज से 30-35 वर्ष पूर्व लोग अधिकतर गांवों में निवास करते थे और नहरों और खालों के निर्माण के बाद वे चकों में रहने लगे। रेगिस्तानी क्षेत्र में नहरी पुलिया की कमी होने के कारण लोगों को आवागमन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को देखते हुए, नई पुलिया के निर्माण और आवश्यक बजट के प्रावधान के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

विधायक श्री भाटी ने कहा कि कोलायत में आने वाली दो बड़ी शाखाएं, बरसलपुर शाखा और चारणवाला शाखा और इनकी वितरण प्रणाली की समस्त नहरों पर विशेष मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु लगभग 100 और 125 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान कर निविदा के माध्यम से कार्य वर्ष 2023-24 में शुरू किए गए थे। परंतु नहर मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्य सरकारी मापदंडों के अनुरूप नहीं हैं और कार्य की गुणवत्ता भी निम्न स्तर की है। यह राशि नहर बनने के तकरीबन 35 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद हमें मिली थी और नियमों के अनुसार, आगे आने वाले 30-35 वर्षों तक इस प्रकार का कार्य भविष्य में नहीं होने वाला है। उन्होंने सिंचाई मंत्री से आग्रह किया कि बरसलपुर शाखा के पैकेज दो और पैकेज तीन में कंपनी गोपी कृष्णा हैदराबाद द्वारा किए गए कार्य की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और जो भी दोषी हो, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि किसानों के हक का एक-एक पैसा नहर पर सही तरीके से खर्च किया जा सके।

श्री भाटी ने महाराजा गंगा सिंह को आधुनिक भारत के भगीरथ की संज्ञा देते हुए कहा कि वे गंगनहर लाए थे। भाटी ने कहा सही मायने में देखा जाए तो इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रेरणा स्त्रोत महाराजा गंगासिंह ही थे।