मुजफ्फरनगर में पूरी रात खुला रहा बैंक, अचानक तेज़ गति से पहुंची कार तो मचा हड़कंप

in #bijnor2 years ago

मुजफ्फरनगर. कस्बे में आधी रात को खुली हुई मुज़फ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटिड की शाखा पर तेज गति से आई कार से हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार सवारों व शाखा प्रबंधक सहित अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की।

शाहपुर के मंगलापुरी मोहल्ले में कॉपरेटिव बैंक की शाखा है जो रात लगभग साढ़े बारह बजे खुली हुई थी। रात्रि के समय बैंक में मुजफ्फरनगर की ओर से तेज गति से आई एक वैगनआर कार को लेकर हड़कंप मच गया। जानकारी मिलने पर रात्रि गश्त करने वाली चीता सहित थाने की गाड़ी में रात्रि इंचार्ज दरोगा सर्वेश कुमार ने कार सवारो, बैंक मैनेजर अमीर अहमद व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि क्षेत्र की किसान सहकारी समितियों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को किसानों से जमा किया गया धन लेकर उन्हें जमा किया जा रहा है। ]

शाखा प्रबंधक ने बताया कि रात्रि के समय मुजफ्फरनगर की ओर से तेज गति से आई कार में सवार लोग तावली किसान सेवा सहकारी समिति के कर्मचारी थे। जो तावली समिति से 12 लाख रुपये लेकर बैंक में जमा करने आये थे। 30 जून को मुज़फ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटिड की क्लोजिंग होती है, जिसके कारण देर रात तक कार्य करना पड़ता है। बैंक में रात्रि के समय लाखों की रकम जमा करने व क्षेत्र के गांवो में स्थित सहकारी समितियों से आने वाले कर्मचारियों के पास सुरक्षा व्यवस्था नही थी। ऐसे में कोई अपराधिक घटना होने का भी बैंक कर्मियों को कोई भय नही था। पुलिस ने शाखा प्रबंधक को कैश जमा करने में ऐहतियात बरतने को कहा व दो पुलिस कर्मी शाखा पर तैनात कर दिए। शाखा प्रबंधक अमीर अहमद ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में 15 जून को थाने में लिखित सूचना दी थी। बैंक में लगभग 40 लाख रुपए किसानों के कर्ज के जमा कराने के साथ ऋण भी दिया गया है। बैंक में शुक्रवार लगभग चार बजे तक कार्य चलता रहा।
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मुजफ्फरनगर में पूरी रात खुला रहा बैंक, अचानक तेज़ गति से पहुंची कार तो मचा हड़कंप
बैंक मैनेजर अमीर अहमद व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि क्षेत्र की किसान सहकारी समितियों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को किसानों से जमा किया गया धन लेकर उन्हें जमा किया जा रहा है। ]
1 day ago
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मुजफ्फरनगर. कस्बे में आधी रात को खुली हुई मुज़फ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटिड की शाखा पर तेज गति से आई कार से हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार सवारों व शाखा प्रबंधक सहित अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की।

शाहपुर के मंगलापुरी मोहल्ले में कॉपरेटिव बैंक की शाखा है जो रात लगभग साढ़े बारह बजे खुली हुई थी। रात्रि के समय बैंक में मुजफ्फरनगर की ओर से तेज गति से आई एक वैगनआर कार को लेकर हड़कंप मच गया। जानकारी मिलने पर रात्रि गश्त करने वाली चीता सहित थाने की गाड़ी में रात्रि इंचार्ज दरोगा सर्वेश कुमार ने कार सवारो, बैंक मैनेजर अमीर अहमद व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि क्षेत्र की किसान सहकारी समितियों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को किसानों से जमा किया गया धन लेकर उन्हें जमा किया जा रहा है। ]

शाखा प्रबंधक ने बताया कि रात्रि के समय मुजफ्फरनगर की ओर से तेज गति से आई कार में सवार लोग तावली किसान सेवा सहकारी समिति के कर्मचारी थे। जो तावली समिति से 12 लाख रुपये लेकर बैंक में जमा करने आये थे। 30 जून को मुज़फ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटिड की क्लोजिंग होती है, जिसके कारण देर रात तक कार्य करना पड़ता है। बैंक में रात्रि के समय लाखों की रकम जमा करने व क्षेत्र के गांवो में स्थित सहकारी समितियों से आने वाले कर्मचारियों के पास सुरक्षा व्यवस्था नही थी। ऐसे में कोई अपराधिक घटना होने का भी बैंक कर्मियों को कोई भय नही था। पुलिस ने शाखा प्रबंधक को कैश जमा करने में ऐहतियात बरतने को कहा व दो पुलिस कर्मी शाखा पर तैनात कर दिए। शाखा प्रबंधक अमीर अहमद ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में 15 जून को थाने में लिखित सूचना दी थी। बैंक में लगभग 40 लाख रुपए किसानों के कर्ज के जमा कराने के साथ ऋण भी दिया गया है। बैंक में शुक्रवार लगभग चार बजे तक कार्य चलता रहा।

किसान साधन सहकारी समितियों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को जमा ना करने पर कई गुना ब्याज लग जाता है किसानों को ब्याज से बचाने के लिए समिति कर्मचारी 3 से 10 प्रतिशत पर उनके कर्ज की अदला बदली जमा कराकर निकालने का ऑफर देते है। जिस पर किसान उन्हें ब्याज व रुपये जमा कर निकालने के नाम पर तय रुपये दे देते है। मुज़फ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटिड से जुड़ी समितियों का किसानों को दिए गए कर्ज के जमा करने की आखरी तारीख 30 जून होती है। किसान बिजेंद्र चौधरी का कहना है कि सीधे किसानों को बहलाकर सहकारी समितियों पर क्लोजिंग के नाम पर किसानों के साथ लेनदेन का बड़ा खेल होता है। सहकारी समितियों के कर्मचारी किसानों के कर्ज के रुपयों को जमा करने व निकालने के लिए पहले ही रुपये निकालने के फार्म पर हस्ताक्षर सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर लेते है। उसके बाद बैंक में रात्रि के समय यह प्रक्रिया चलती है। सहकारी समिति से लेकर जिला स्तर तक बंदरबांट किया जाता है।