दिसम्बर तक हो जाएगा फोरलेन हाईवे के निर्माण का रास्ता साफ

in #bijnor2 years ago

बिजनौर। मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे पर बहसूमा से बिजनौर तक फोरलेन का निर्माण एनओसी के फेर में अटका हुआ ह,ै लेकिन अब रास्ता साफ होने वाला है। दिसंबर तक एनओसी मिलने की उम्मीद है। दरअसल बिजनौर से बहसूमा तक 40 किमी लंबी सड़क को फोरलेन किए जाने का काम हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य होने की वजह से नहीं किया जा सका है। जबकि इस दूरी को छोड़कर मेरठ से बहसूमा और बिजनौर से नजीबाबाद तक फोरलेन किए जाने का काम तेजी से चल रहा है।
वन्य जीव अभ्यारण्य में निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है। सूत्रों की मानें तो कई बार एनओसी के लिए तारीख लगी। लेकिन हर बार कोर्ट ने कोई और विकल्प देने के लिए कह दिया। बताया जा रहा है कि अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने उत्तराखंड के गढ़वाल की फोरलेन से कनेक्टिंग तक मजबूत तर्क दिया है। एनएचएआई के अधिकारियों को दिसंबर तक एनओसी मिलने की उम्मीद है।नेशनल हाईवे 119 मेरठ पौड़ी को फोरलेन किया जाना था। जिसमें मेरठ से बहसूमा तक फोरलेन बनाने का काम चालू कर दिया गया। करीब चालीस प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है। वहीं बिजनौर से नजीबाबाद तक भी फोरलेन बनाया जा रहा है। नजीबाबाद तक काम तेजी से चल भी रहा है। उधर बहसूमा से बिजनौर की दूरी में सड़क निर्माण हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य होने की वजह से नहीं हो पाया।
गंगा पर पुल और बिजनौर बाईपास निर्माण को चाहिए एनओसी
बिजनौर बैराज पर एक और नया पुल बनाया जाना है। जोकि फोरलेन के प्रोजेक्ट में ही शामिल है। गंगा नदी पर बनाए जाने वाला यह पुल बैराज से डाउन स्ट्रीम में बनाया जाएगा। हालांकि यह इस पुल का निर्माण भी एनओसी मिलने के बाद ही हो सकेगा। उधर बिजनौर बाईपास भी एनओसी के फेर में अटका हुआ है।
दीपावली तक चालू हो जाएंगे किरतपुर और स्वाहेड़ी बाईपास
बिजनौर से नजीबाबाद तक बनाए जा रहे फोरलेन का निर्माण 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। वहीं किरतपुर और स्वाहेड़ी में बनाए जा रहे बाईपास का निर्माण भी तेजी से रहा है। ये दोनों बाईपास इसी साल दीपावली तक चालू हो जाएंगे। जिसके बाद किरतपुर और स्वाहेड़ी में वाहनों की भीड़ नहीं रहेगी।
वर्जन::
बहसूमा से बिजनौर तक फोरलेन और गंगा नदी पर पुल बनाने के लिए दिसंबर तक एनओसी मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके बाद फोरलेन निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल मेरठ से बहसूमा और बिजनौर से नजीबाबाद तक फोरलेन का काम तेज गति से रहा है। ....दिनेश कुमार चतुर्वेदी, परियोजना निदेशक एनएचएआई