एक शिक्षक ऐसे भी
अभी तक आपने कामचोर, बहानेबाज और वेतन के लिए हड़ताल करनेवाले शिक्षकों के बारे में तो बहुत सुना होगा लेकिन क्या कभी किसी ऐसे शिक्षक के बारे में सुना है जो क्लास न ले पाने की स्थिति में स्वेच्छा से अपने वेतन के 23 लाख रुपए से ज्यादा की रकम सरकार को वापस लौटा दे। ये आश्चर्यजनक घटना बिहार के मुज्जफरपुर में हुई है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर जिले के नीतीश्वर कॉलेज मे डॉ ललन कुमार हिंदी के सहायक प्रोफेसर है। हाल ही में प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. आरके ठाकुर से मिलने गए और दो साल नौ महीने का वेतन लौटाने की पेशकश की। पहले तो कुलसचिव को यकीन ही नहीं हुआ और उन्होंने पैसे लेने से इंकार कर दिया। लेकिन, जब प्रोफेसर ललन कुमार ने नौकरी से इस्तीफा देने की बात की, तो कुलसचिव को उनकी बात माननी पड़ी.
प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार की मानें तो उनकी इस कॉलेज में 24 सितंबर 2019 नियुक्ति को हुई थी। फिर कोरोना आ गया। जिसकी वजह से कॉलेज लगभग बंद रहा। ऐसे में बिना पढ़ाए वेतन लेना उन्हें गंवारा नहीं है. डॉ. ललन कुमार ने कहा कि मैं नीतीश्वर कॉलेज में अपने अध्यापन कार्य के प्रति कृतज्ञ महसूस नहीं कर रहा हूं. इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए ज्ञान और अंतरात्मा की आवाज पर नियुक्ति तारीख से अब तक के पूरे वेतन की राशि विश्वविद्यालय को समर्पित करता हूं.