अलग मिथिला राज्य की मांग ने पकड़ा जोर, दिल्ली के जंतर-मंतर पर जुटे हजारों लोग

in #bihar2 years ago

IMG_20220822_125311.jpg‘भीख नहि अधिकार चाही, हमरा मिथिला राज चाही।’ मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) के आह्वान पर रविवार को जंतर-मंतर पर उपस्थित हजारों की संख्या में मैथिल एक सुर से यह नारा लगाते देखे गए। मिथिला की लगातार हो रही उपेक्षा को देखते हुए मैथिलों के बीच अब अलग मिथिला राज्य को लेकर मांगें तेज होने लगी हैं।रविवार को हुए आंदोलन में दिल्ली-एनसीआर में रह रहे मैथिलों के अलावा बिहार और देश के दूसरे हिस्सों से भी काफी संख्या में आकर मैथिलों ने इसमें हिस्सा लिया। यह संभवत: पहली बार है जब मिथिला राज्य के आंदोलन में दिल्ली की सभी मैथिल संस्थाओं ने एकजुट होकर अपना योगदान दिया। कई राजनीतिक हस्ती भी मंच पर देखे गए जिसमें आम आदमी पार्टी के विधायक ऋतुराज झा और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा प्रमुख रहे।एमएसयू के फाउंडर ने कहा कि मिथिला की उपेक्षा आज किसी से छिपी हुई नहीं है। आज मिथिला में एक भी उद्योग नहीं है। जो भी पुराने उद्योग थे, चाहे वह चीनी मिल हो, जूट मिल हो सभी को बंद कर दिया गया है। आज मिथिला की पहचान देश के दूसरे हिस्सों के लिए मजदूर उपलब्ध कराना रह गया है। देश के किसी भी हिस्से से सबसे ज्यादा पलायन मिथिला से ही हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह मिथिला में रोजगार की कमी है। इसलिए हमारी मांग है कि हमें अलग राज्य का दर्जा देकर हमारा भी विकास किया जाए।अलग मिथिला राज्य के लिए आंदोलन आज से नहीं बल्कि 100 साल से हो रहा है। हाल फिलहाल बने किसी अन्य राज्य के गठन से पहले से ही इसकी मांग होती रही हैं। सबसे पहले 1922 में तत्कालीन दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह ने अलग मिथिला राज्य की मांग की थी। तब से लेकर अब तक समय-समय पर यह मांग उठती रही है। हालांकि पूर्व में इसके लिए आंदोलन छिटपुट रही हैं। लेकिन, अब एकजुट आंदोलन होने से इसकी मांग ने जोर पकड़ ली है।

Sort:  

https://wortheum.news/@kunalagrawal#
👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻
Sir/Ma'am please follow me and like my news.🙏🏻🙏🏻