पटना से पकड़ गए अतहर परवेज और जलालुद्दीन पीएफआई के सदस्य नहीं हैं : PFI

in #bihar2 years ago

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बिहार पुलिस ने बुधवार को चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया है. पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से दो आरोपियों को भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है. इस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इण्डिया के दो सदस्यों के गिरफ्तारी के बाद आज कटिहार में पीएफआई स्टेट कमेट के सदस्य अब्दुल रहमान और उष्मान गनी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया की गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन PFI के सदस्य है ही नहीं. अतहर परवेज एक समाज सेवी और SDPI के पटना जिला महासचिव हैं जबकि जलालउद्दीन न तो SDPI से है और न ही PFI से जुड़ा हुआ है. यह सब PFI द्वारा आने वाली 24 जुलाई को सेव द रिपब्लिक - गणत्रंत बचाओ विषय पर श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यकम का आयोजन होने जा रहा है ,इसी कार्यक्रम को प्रभावित करने के उद्धेश्य से ऐसा किया गया है.

इससे पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनीष कुमार ने बताया था कि आरोपियों ने 'इंडिया विजन 2047' टाइटल से शेयर किए गए आठ पेज लंबे डॉक्यूमेंट का एक अंश "बहुसंख्यक समुदाय को वश में करने और गौरव वापस लाने" के बारे में बात करता है. उन्होंने कहा कि झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जल्लाउद्दीन और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के एक पूर्व सदस्य, अतहर परवेज जो पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के वर्तमान सदस्य हैं, को भी गिरफ्तार किया गया.

उन्होंने कहा था कि भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले दो महीनों से आरोपियों के पास दूसरे राज्यों के लोग आ रहे थे. आने वाले लोग टिकट बुक करते समय और होटलों में रहने के दौरान अपना नाम बदल रहे थे."कुमार ने कहा कि परवेज का छोटा भाई सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद राज्य में 2001-02 में हुए बम विस्फोटों में जेल गया था.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि परवेज ने भी लाखों में चंदा जुटाया था. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट के नाम पर तलवारों और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखाया गया और आरोपियों ने दूसरों को धार्मिक हिंसा के लिए उकसाया था. कुमार ने बताया कि उन्होंने मार्शल आर्ट के नाम पर 6-7 जुलाई को स्थानीय लोगों को तलवार और चाकू का उपयोग करना सिखाया था. उन्होंने दूसरों को धार्मिक हिंसा के लिए उकसाया. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ गवाहों के खाते भी हैं. परवेज ने भी लाखों में धन जुटाया और ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि उनसे मिला दस्तावेज बहुत आपत्तिजनक है और "भारत में इस्लाम के शासन" की बात करता है. इस दस्तावेज में ये भी उल्लेख किया गया है कि पूर्ण टकराव के मामले में हमें कैडरों पर भरोसा करने के अलावा मित्र इस्लामी देशों से मदद की जरूरत होगी.