Jodhpur एफ-16 ने सुखोई-30 के साथ भरी अंतिम उड़ान

जोधपुर मल्टीलेटरल युद्धाभ्यास तरंगशक्ति:2024 का शुक्रवार को समापन हुआ। ग्रीस के लड़ाकू विमान एफ-16 ने भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई के साथ जोधपुर एयरबेस से अंतिम उड़ान भरी। शनिवार को सभी देश अपने-अपने एयरक्राफ्ट और सामान के साथ लौट जाएंगे। वायुसेना ने 63 साल बाद इतने बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास किया। युद्धाभ्यास का पहला फेज तमिलनाडु के सुलूर में 6 से 14 अगस्त और दूसरा फेज जोधपुर में 29 अगस्त से शुरू हुआ। जोधपुर में अमरीका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, सिंगापुर, श्रीलंका और ग्रीस विमानों के साथ शामिल हुए। दोनों ही फेज में तीस से अधिक देश ऑब्जर्वर के तौर पर थे। जोधपुर में 16 देश ऑब्जर्वर थे। इसमें अर्जेंटीना, बांग्लादेश, बोत्सवाना, मिस्र, इंडोनेशिया, आइवरी कोस्ट, इटली, कजाकिस्तान, मलेशिया, मालदीव, मोरक्को, नेपाल, ओमान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और वियतनाम के 38 प्रतिनिधि शामिल हुए।दूसरे चरण में 30 विदेश लड़ाकू विमान शामिल

24 विदेशी एयरक्राफ्ट शामिल हुए सुलूर में 30 विदेशी एयरक्राफ्ट थे जोधपुर में 15 की संख्या में सर्वाधिक लड़ाकू विमान टायफून थे 13 की संख्या में लड़ाकू विमान एफ-16 रहे 04 एयरबस ए-400एम 03 टैंकर एयरक्राफ्ट एमआरटीटी 06 अमरीका के ए-10 04 ईए-18 ग्रोवलर्स 02 एफ-2 शामिल हुए जापान के 01 सी-130 सिंगापुर लाया 01 किंगेयर बी-200 श्रीलंका लाया 50 से अधिक एयरक्राफ्ट शामिल हुए भारतीय वायुसेना केहवाई क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर जुटे 27 देशों के 52 प्रतिनिधि

तरंगशक्ति युद्धाभ्यास के अंतर्गत जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर लगाए गए तीन दिवसीय इंटरनेशनल डिफेंस एविएशन एक्सपो के दूसरे दिन शुक्रवार को एक्सपो के डोम के एयरडोमन अवेयरनेस सिम्पोजियम का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के अलावा 27 देशों के 52 प्रतिनिधि जुटे। सिम्पोजिमय में भारतीय वायुसेना के असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (मेंटेनेंस) एयर वाइस मार्शल केएए संजीव ने वायु क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर व्याख्यान दिया। उन्होंने वायु क्षेत्र के संदर्भ में घरेलू और क्षेत्रीय जरूरतों के बारे में बताया। एक्सपो में ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया था।
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