छूट का लाभ सुनते ही जिले में 4000 रुपए सस्ता हुआ सोना
छूट का लाभ सुनते ही जिले में 4000 रुपए सस्ता हुआ सोनाशहर में बहन-बेटियों को सोने के आभूषण देने की संस्कृति है। यही वजह है कि यहां हर महीने औसतन 600 किलो सोना और 2000 किलो से ज्यादा चांदी का कारोबार होता है। केंद्र सरकार ने बजट में सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 9 फीसदी की कटौती कर बड़ी राहत दी है। इससे न सिर्फ आभूषण कारोबारियों बल्कि आम जनता को भी राहत मिलेगी। बजट घोषणा के बाद शहर में सोने के दाम 4000 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी के दाम 6000 रुपए प्रति किलो पर आ गए।
जोधपुर शहर में सोना-चांदी खरीदने का जबरदस्त कल्चर है। पिछले कुछ महीनों से सोने-चांदी के लगातार बढ़ते दामों के कारण बाजार में गिरावट आने लगी थी। भारतीय सर्राफा संघ लगातार वित्त मंत्री और मंत्रालय से सोने और चांदी पर आयात शुल्क कम करने की मांग कर रहा था। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए सोने और चांदी पर आयात शुल्क 9 प्रतिशत कम कर बड़ी राहत दी। पहले केंद्र सरकार इन दोनों धातुओं पर 15 प्रतिशत आयात शुल्क और 3 प्रतिशत जीएसटी लगाती थी। लेकिन अब इसे घटाकर 6 प्रतिशत आयात शुल्क और 3 प्रतिशत जीएसटी कर दिया गया है। इससे सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी। सोने में 9 प्रतिशत की कमी से सोना 5,500 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 6,000 रुपये प्रति किलोग्राम सस्ती होनी चाहिए थी। शेष | पेज 8 } चांदी | जोधपुर से औसतन रोजाना 180 किलो चांदी का कारोबार होता है। पहले के भाव के अनुसार इसकी कीमत करीब 16.56 करोड़ रुपये थी। अब यह घटकर 15.48 करोड़ रुपये रह गई है। वहीं त्योहारी सीजन में रोजाना 250 किलो चांदी बिकती है। पहले इसकी कीमत करीब 23 करोड़ रुपये थी। यह अब घटकर करीब 21.5 करोड़ रुपए रह जाएगा। वहीं प्लेटिनम भी 2000 रुपए प्रति 10 ग्राम सस्ता होगा।जोधपुर में औसतन रोजाना 20 किलो सोना बिकता है। पहले इसकी कीमत 15.20 करोड़ रुपए थी। अब इसकी कीमत घटकर करीब 14.4 करोड़ रह जाएगी। इससे रोजाना करीब 80 लाख रुपए का मुनाफा होगा। वहीं त्योहारी सीजन में जोधपुर में रोजाना करीब 35 किलो सोना बिकता है। जिसकी कीमत करीब 26.6 करोड़ रुपए थी। अब यह घटकर करीब 25.20 करोड़ रह जाएगी।जोधपुर में रोजाना करीब 32 करोड़ का सोना-चांदी का कारोबार होता है
क्योंकि... जोधपुर में रोजाना 20 किलो सोना बिकता है, 180 किलो चांदी का कारोबार होता है
बजट } सोने-चांदी पर आयात शुल्क 9% घटाया... ग्राहकों को फायदा, तस्करी भी कम होगी
तीसरा: मारवाड़ औद्योगिक परियोजना से 5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगारजोधपुर, पाली, मारवाड़ औद्योगिक परियोजना करीब 1578 एकड़ जमीन पर विकसित की जाएगी। इस पर 922 करोड़ की लागत आएगी। 1000 एकड़ जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो चुकी है। इसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के पास विकसित किया जा रहा है। इससे करीब 5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
दूसरा: तिलहन मिशन से 87 लाख किसानों को होगा फायदा
दलहन और तिलहन के लिए नए मिशन और इनके उत्पादन, भंडारण और विपणन के लिए विशेष प्रयासों की घोषणा की गई है। इससे राजस्थान के 86.66 लाख किसानों को फायदा होगा। राज्य में हर साल 80 लाख टन दालें और 82 लाख टन तिलहन का उत्पादन होता है। अकेले सरसों का उत्पादन 60 लाख टन होता है।पहला: पांच साल तक 4.46 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा
इस पूर्ण बजट में केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अगले पांच साल तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है। राजस्थान में इस योजना से 4.46 करोड़ लोग जुड़े हैं और उन्हें अगले पांच साल तक इस योजना का सीधा लाभ भी मिलेगा।
राजस्थान: कोई बड़ी घोषणा नहीं, लेकिन 3 फायदे, जोधपुर को मिली बड़ी परियोजना
इस बार राजस्थान को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर 75,156 करोड़ रुपए मिलेंगे। पूर्ण बजट में राज्यवार हिस्सेदारी में यह जानकारी सामने आई है। पिछली बार राज्य को केंद्रीय करों में 66,556 करोड़ रुपए मिले थे।इस बार राज्य को केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में करीब 8600 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। इससे राजस्थान सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि केंद्रीय करों में एकत्रित कुल करों में राजस्थान की हिस्सेदारी 6.026 प्रतिशत रही है। कर संग्रह में वृद्धि के कारण राजस्थान को मिलने वाले राजस्व में हिस्सेदारी भी बढ़ी है। इससे राजस्थान सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी