Jodhpur राज्य उपभोक्ता आयोग का फैसला, नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करे

जोधपुर राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर पीठ द्वारा हाइड्रोलिक मोबाइल क्रेन ओवरटर्निंग होकर दुर्घटना होने पर बीमा कंपनी द्वारा क्लेम निरस्त करने के आदेश को सेवा दोष मानते हुए बीमा कंपनी की अपील को स्वीकार कर दिया lराज्य आयोग जोधपुर पीठ के अध्यक्ष देवेंद्र कच्छावाह एवं सदस्य लियाकत अली के समक्षयूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जिला आयोग जोधपुर द्वितीय द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध अपील प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिला आयोग ने परिवादी ताराचंद गहलोत द्वारा प्रस्तुत अपील को स्वीकार किया है जो कि गलत है, बीमा कंपनी ने अपील प्रस्तुत करते हुए बताया कि परिवादी ने अपनी हाइड्रोलिक मोबाइल क्रेन का बीमा करवा रखा था तथा जून 2011 में क्रेन चालक द्वारा वाहन से भार को इधर-उधर करते समय ब्रेक नहीं लगाने से संतुलन बिगड़ जाने से वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे वाहन में काफी क्षति हुई क्षति की सूचना बीमा कंपनी को दी गई l परिवादी ने वाहन को अपने स्तर पर ठीक करवाया जिसका खर्च 435030 रुपए आया l विपक्षी बीमा कंपनी ने आईएमटी 47 के आधार पर दावा खारिज कर दिया lपरिवादी ने जिला आयोग में परिवाद पेश कर बताया किया दावा राशि स्वीकार करने का निवेदन किया जिस पर बीमा कंपनी ने जवाब दिया कि बीमा पॉलिसी में सभी अपवर्जन की जानकारी उपभोक्ता को थी तथा पॉलिसी में ओवरटर्निंग की जोखिम कवर नहीं थी क्योंकि इसके लिए परिवादी ने अतिरिक्त प्रीमियम नहीं दिया था l क्योंकि आईएमटी 47 का प्रीमियम अदा नहीं किया गया था इसलिए दावा स्वीकार नहीं किया जाए lदौरान परिवाद परिवादी ताराचंद गहलोत का देहांत हो गया जिला आयोग ने विधिक उत्तराधिकारी को रिकॉर्ड पर लिया l जिला आयोग में साक्ष्य एवं बहस सुनकर परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया lआयोग के निर्णय के विरुद्ध बीमा कंपनी ने राज्य आयोग जोधपुर पीठ में अपील प्रस्तुत की l आयोग ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपील का निस्तारण करते हुए अपने निर्णय में कहा कि बीमा कंपनी का मुख्य रूप से तर्क आईएमटी 47 का प्रीमियम अदा नहीं करने के कारण दावा अस्वीकृत किया है , तथा अतिरिक्त प्रीमियम अदा नहीं किया गया है बीमा कंपनी के सर्वेयर ने माना कि वाहन की दुर्घटना संतुलन बिगड़ने से हुई l विपक्षी ने विभिन्न न्यायायिक दृष्टांत भी प्रस्तुत किए l पारिवादी के अधिवक्ता का मुख्य रूप से तर्क था कि बीमा कंपनी द्वारा बीमा पॉलिसी में ऐसी कोई शर्त संलग्न नहीं की थी और ना ही आयोग के समक्ष अन्यथा प्रस्तुत की गई है यहां तक की अपने तर्कों के संबंध में ऐसी कोई नमूना बीमा पॉलिसी प्रस्तुत करते हुए इस तर्क को सुदृढ़ साक्ष्य के आधार पर साबित किया है कि ओवरटनिंग के संबंध में अलग सेप्रीमियम लिया जाता है l राज्य आयोग ने समस्त साक्ष्य, दस्तावेजी सबूतों एवं न्यायिक निर्णयो का अध्ययन करने के पश्चात बीमा कंपनी की अपील को अस्वीकार करते हुए जिला आयोग जोधपुर दितीय के आदेश को यथावत रखते हुए बीमा कंपनी की अपील को अस्वीकार कर दिया l अपीलार्थी बीमा कम्पनी की ओर से अधिवक्ता , मुकुल सिंघवी, तथा विपक्षी परिवादी की ओर से एल एस टाक, अमित माहेश्वरी उपस्थित हुए
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