स्कूल से पहले उफनती नदी ने ली परीक्षा जान जोखिम में डाल पार की
(पवन डेहरिया)
लखनादौन/रतलाम। दशहरा अवकाश के बाद शुक्रवार से स्कूल भी खुले। रतलाम जिले के नामली के करीब गांव सिखेड़ी के विद्यार्थियों को परीक्षा देने जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल जाना पड़ा। गुरुवार शाम से शुरू हुई वर्षा रात भर गिरने के बाद शुक्रवार सुबह तक जारी रही। रतलाम मुख्यालय से 28 किमी दूर नामली से आगे सिखेड़ी गांव के मार्ग पर गंगायता नदी की पुलिया के ऊपर पानी बह रहा था। यहां हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को नामली जाना पड़ता है। शुक्रवार को परीक्षा देने के लिए विद्यार्थियों ने स्वजन व ग्रामीणों की मदद से उफनती नदी को पार किया। इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व अधिकारियों से पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की है।
किसानों की उम्मीदों पर गिरा पानी, खेत बने तालाब, आमजन भी परेशान
जाते हुए मानसून में हो रही वर्षा से किसानों के साथ आमजन के लिए परेशानियां खड़ी हो गई हैं। रतालम जिले में गुरुवार शाम से शुक्रवार सुबह तक तूफानी वर्षा का दौर चला। इससे नदीनाले उफान पर आ गए और कई रास्ते अवरुद्ध हो गए। सुबह स्कूली विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर आवाजाही की। खेतों ने तालाब का रूप ले लिया। इससे खेतों में काटकर रखी सोयाबीन तैरने लगी और खेतों में पककर तैयार खड़ी फसल आड़ी पड़ गई। किसानों की उम्मीदों पर गिरे पानी ने निराशा बढ़ा दी। अब हर तरफ से नुकसानी का आकलन कराकर मुआवजा देने की मांग उठ रही है। गुरुवार की तरह शुक्रवार को भी दिनभर मौसम साफ रहने के बाद शाम सात बजे फिर से वर्षा का दौर प्रारंभ हो गया। कालिका माता नवरात्र मेला परिसर में भी पानी ही पानी हो गया।