ट्रेन में लगेंगे करोड़ों रुपए के कांच का कोच

in #bhopal2 years ago

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भोपाल।
लकदक कोच, दीवारों पर लगा पारदर्शी कांच, मूवेबल कुर्सियां, मनोरंजन के लिए एलईडी! यात्रियों को भला और क्या चाहिए! ये विस्टाडोम कोच कहलाते हैं जोकि सर्वसुविधायुक्त अत्याधुनिक कोच हैं। अब भारतीय रेलों में ऐसे ही कोच लगाए जाएंगे. प्रारंभ में चुनिंदा ट्रेनों में ही ये कोच लगाए जाएंगे. तीन हफ्ते पहले ऐसा ही एक विस्टाडोम कोच भोपाल भी आ चुका है. इसे भोपाल या रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से चलनेवाली किसी ट्रेन में लगाया जाएगा. इसके लिए कोच का ट्रायल भी किया जा चुका है।

विस्टाडोम कोच का किराया अन्य कोचों की तुलना में ज्यादा होगा. अन्य वातानुकूलित श्रेणी के कोचों की तुलना में इस कोच का किराया 25 प्रतिशत ज्यादा हो सकता है। हालांकि यह किस ट्रेन में लगाया जाएगा, अभी तक यह तय नहीं है. इधर इस भव्य कोच के बारे में सुनकर यात्रियों को इसमें बैठकर यात्रा करने का बेसब्री से इंतजार है। इस कोच की अंदर की दीवारों का 70 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा पारदर्शी कांच का है। इस कारण अंदर से ही बाहर का भी नजारा देखा जा सकेगा। कोच की छत का भी कुछ हिस्सा पारदर्शी है। इस चेयरकार कोच में मूवेबल कुर्सियां लगी हैं जिन्हें 180 डिग्री से घुमाया जा सकेगा। यात्री इन्हें अपनी सुविधा के अनुरूप घुमा सकेंगे।

भोपाल को मिला विस्टाडोम कोच रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ा है। इसे चलाने के लिए पहले इसका ट्रायल लिया गया जोकि सफल रहा है। रेलवे के अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं इस कोच को किस ट्रेन में लगाकर चलाया जाए।

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार यह कोच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में तैयार किया गया है. इसकी अनुमानित लागत 50 करोड़ है. यह एयर स्प्रिंग वाला कोच है जिसमें कम से कम जर्क लगेगा. यह अत्याधुनिक कोच है जिसकी दीवारें पारदर्शी कांच की है। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि बाहर की 60 डेसिबल से भी कम आवाज आएगी. जहां रेलवे ये तय नहीं कर पा रही है कि इसे किन स्टेशनों के बीच चलाना है और इसका किराया कितना रखें वहीं दूसरी ओर यात्री इस खास कोच में सफर करने के लिए बेसब्र हो रहे हैं।