धमका कर CM गहलोत से मिलवाने ले जा रहे, भरतपुर में साधु का आरोप;
भरतपुर में साधुओं के आंदोलन को लेकर कुछ साधु-संतों की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात होनी है। लेकिन इस मुलाकात से पहले साधु-संतों के धरने का नेतृत्व कर रहे गोपेश दास ने कई बड़े आरोप लगाए हैं। साधु-संतों के इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गोपेश दास का दावा है कि जिला प्रशासन दबाव डालकर हमारे दो संत और कुछ ग्रामीणों के एक डेलिगेशन को लेकर जयपुर जा रहा है
बता दें कि ब्रज क्षेत्र की पहाड़ियों से खनन कार्य बंद करने की मांग को लेकर साधु-संत 550 दिन से आंदोलन कर रहे थे। इस बीच 20 जुलाई को बाबा विजय दास ने पेट्रोल डाल कर खुद को आग लगा ली थी। आत्मदाह के बाद साधु-संत इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग कर रहे हैं। इसके लिए साधु-संतों द्वारा धरना स्थल पर भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। 5 अगस्त को देश भर से हजारों की संख्या में साधु-संत यहां इकट्ठा होंगे। लेकिन इस बीच आंदोलन से जुड़े एक साधु ने दावा किया है कि जिला प्रशासन साधु-संतों के बीच दरार डालने की कोशिश कर रहा है
क्या कहना है गोपेश दास का
खनन कार्यों के खिलाफ चल रहे साधु-संतों के धरने का नेतृत्व कर रहे गोपेश दास ने कहा कि जिला प्रशासन साधु-संतों के बीच दरार डालने की साजिश रच रहा है। रविवार को जिला प्रशासन दबाव डालकर हमारे दो संतों और कुछ ग्रामीणों के एक डेलिगेशन को लेकर जयपुर जा रहा है।
जबकि इस डेलिगेशन में शामिल लोग कभी भी साधु-संतों के आंदोलन में नहीं रहे। इन लोगों को डरा-धमका कर मुख्यमंत्री के पास ले जाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के सामने उनसे कहलवाया जाएगा कि हम राजस्थान सरकार के एक्शन से खुश हैं और अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं और आपका आभार व्यक्त करते हैं।
गोपेश दास का दावा है कि राजस्थान सरकार व प्रशासन का कोई भी अधिकारी एवं जांच अधिकारी आंदोलन कर रहे साधु-संतों से नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा डाले जा रहे दबाव एवं साजिश की हम निंदा करते हैं। जब तक इस क्षेत्र से क्रेशर को नहीं हटाया जाता है और सीबीआई जांच नहीं की जाती है तब तक साधु-संतों का आंदोलन जारी रहेगा। जिला प्रशासन द्वारा रची जा रही साजिश को लेकर साधु-संतों में रोष व्याप्त है।
साधु-संतों का डेलिगेशन मिलेगा मुख्यमंत्री से
इधर जिला कलेक्टर के निर्देश पर रविवार को एक प्रेस नोट जारी किया गया है। जिसमें लिखा गया है कि ग्राम पसोपा के ग्रामवासियों ने साधु-संतों के बृज क्षेत्र के पर्वतों की रक्षा करने के लिए किये जा रहे 550 दिन से अधिक अवधि के धरने में पूरा सहयोग व समर्थन दिया। राज्य सरकार द्वारा अक्टूबर 2021 में दिए गए आश्वासन को पूरा करते हुए खनन क्षेत्र की भूमि को वन भूमि घोषित कर अपना वादा पूरा किया गया है।
आज रविवार को ग्राम पसोपा के साधु - संतों एवं नागरिकों की समिति का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से औपचारिक भेंट करने जयपुर जा रहा है। इसमें राज्य सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार की विस्तृत योजना पर भी चर्चा की जाएगी। ग्रामवासियों की कुछ स्थानीय समस्याओं एवं प्रस्तावित विकास कार्यों पर भी चर्चा संभव है।
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