मुलताई में भाजपा के 8 पार्षदों ने दिया इस्तीफा, नगर पालिका में घमासान

in #betul2 years ago

बैतूल। नगर पालिका परिषद मुलताई के अध्यक्ष- उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान भाजपा की बागी नीतू परमार एवं कांग्रेस पार्षदों की जुगलबंदी एवं क्रॉस वोटिंग के चलते भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी वर्षा गढ़ेकर को मिली शिकस्त के बाद मुलताई में अचानक हुए घटनाक्रम में भाजपा के 8 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को संबोधित त्यागपत्र में पार्षदों ने स्वेच्छा एवं स्वविवेक से त्यागपत्र देने का उल्लेख किया है। पार्षदों द्वारा दिये त्याग पत्र को लेकर मुलताई अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने दो टूक कहा कि उन्हें त्यागपत्र स्वीकृत करने का अधिकार ही नहीं है। नगरपालिका परिषद मुलताई के भाजपा के 8 पार्षदों द्वारा अचानक इस्तीफा देने से राजनीति गर्मा गई है।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका परिषद मुलताई के 15 वार्डो में भाजपा के 9 एवं कांग्रेस के 6 पार्षद निर्वाचित हुए थे। भाजपा ने वर्षा गढ़ेकर को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया था। जिसके चलते पार्षद नीतू प्रहलाद परमार ने भाजपा से बागी होकर अध्यक्ष पद का नामांकन दाखिल किया था। अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस के 6 और भाजपा के दो पार्षदों द्वारा नीतू परमार के पक्ष में वोटिंग करने से भाजपा की बागी तीन वोट से चुनाव जीतकर मुलताई नपा अध्यक्ष निर्वाचित हुए तथा कांग्रेस के शिव माहोरे उपाध्यक्ष बने।
स्वेच्छा- स्वविवेक से 8 पार्षदों ने दिया इस्तीफा
मुलताई नगर पालिका परिषद के 8 नवनिर्वाचित पार्षदों ने स्वेच्छा एवं स्वविवेक से पार्षद पद से त्यागपत्र देने का पत्र अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई को दिया। त्यागपत्र देने वाले भाजपा के पार्षदों में अध्यक्ष पद की उम्मीदवार बनाई गई वर्षा गढ़ेकर, शिल्पा शर्मा, कुसुम पवार, अजय यादव, डॉ. जीए बारसकर, पंजाब चिकाने, रितेश विश्वकर्मा, महेन्द्र पिल्लू जैन शामिल है। उक्त पार्षदों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई को संबोधित त्यागपत्र देने के अलग-अलग पत्र नपा मुलताई सीएमओ को सौंपे गये।
इस्तीफा स्वीकृत होने के बाद भी यथावत चलेगी परिषद
15 पार्षदों वाली नगरपालिका परिषद के भाजपा के 8 पार्षदों द्वारा त्याग पत्र देने से नवगठित नपा परिषद के अस्तित्व पर संकट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। परंतु अस्तित्व पर संकट को लेकर लगाये जा रहे कयासों पर जानकारों ने पूर्ण विराम लगा दिया है। नगरीय निकाय अधिनियम के जानकारों का स्पष्ट कहना है कि यदि 8 पार्षदों का त्यागपत्र स्वीकृत हो जाता है तब भी परिषद यथावत संचालित होगी। जानकारों के मुताबिक नगर परिषद की बैठकों में गणपूर्ति कुल पार्षदों के 10 प्रतिशत में ही हो जाती है। बैठक में उपस्थित पार्षदों से 50 फीसदी से अधिक पार्षदों की उपस्थिति से प्रस्ताव पारित किये जाने का एक्ट में प्रावधान है।
पद रिक्त होने पर पुन: होगा निर्वाचन
जानकारों के मुताबिक यदि नगर परिषद मुलताई के जिन 8 पार्षदों ने त्यागपत्र दिया है। यदि सक्षम प्राधिकारी द्वारा उनके त्यागपत्र स्वीकृत कर लिये जाते है तो पार्षद पदों के रिक्त होने की स्थिती में रिक्त पदों की सूचना शासन को भेजी जायेगी। शासन द्वारा पार्षद के रिक्त पदों पर निर्वाचन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को जानकारी भेजी जायेगी। जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रिक्त पदों के चुनाव के लिए निर्वाचन कार्यक्रम जारी किया जायेगा। जिसके बाद रिक्त होने पर 8 पदों पर पार्षद का निर्वाचन होगा। उल्लेखनीय है कि यदि नपा मुलताई के भाजपा के 8 पार्षदों का त्यागपत्र स्वीकृत हो जाते है तो उन्हें पार्षद बनने के लिए पुन: चुनाव का सामना करना पड़ेगा।
मेरे पास अधिकार नहीं- एसडीएम
मुलताई एसडीएम राजनंदनी शर्मा ने बताया कि उन्होंने नपा मुलताई अध्यक्ष- उपाध्यक्ष की निर्वाचन प्रक्रिया निष्पक्ष संपन्न कराई है। निर्वाचन प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई है। 8 पार्षदों द्वारा दिये इस्तीफे के बारे में एसडीएम का कहना था कि उन्हें पार्षदों के त्यागपत्र स्वीकृत करने का अधिकार नहीं है।
त्यागपत्र स्वीकृत करने का अधिकार कलेक्टर को
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि नगर पालिका परिषद मुलताई के 8 पार्षदों द्वारा त्यागपत्र देने की उन्हेें अभी जानकारी नहीं है और न ही उनके समक्ष त्यागपत्र आये है। कलेक्टर ने नगरीय निकाय अधिनियम की धारा 40 के हवाले से बताया कि नियमानुसार पार्षद अध्यक्ष के माध्यम से कलेक्टर को अपना त्यागपत्र भेज सकते है। पार्षद इस्तीफे की एक प्रति कलेक्टर को भी भेज सकते है। कलेक्टर ने बताया कि पार्षद का इस्तीफा प्राप्त होने के बाद उस पर सुनवाई कर इस्तीफा स्वीकृत या अस्वीकृत करने को लेकर निर्णय लेने का नियम है।