जिले को टीबी मुक्त करने व्यस्कों को लगेगा बीसीजी टीका
- जिले को टीबी मुक्त करने व्यस्कों को लगेगा बीसीजी टीका
- आशा और स्वास्थ्य कर्मचारी को कर रहे प्रशिक्षित
- घर-घर होगा सर्वे, चिन्हित लोगों को लगेगी वैक्सीन
मंडला. वर्ष 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए घर-घर जाकर टीबी की पहचान करके उन्हें टीबी का उपचार दिलाया जा रहा है। इसी के साथ एक नई पहल की गई है। जिसमें व्यस्कों को टीबी से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जिले में वयस्कों को टीका लगाए जाने की योजना को मूर्तरूप दिया गया है। इस जंग को जीतने में आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, सुपरवाईजर, सीएचओ के साथ स्वास्थ्य विभाग का अमला मैदानी स्तर पर उतर गया है। जिससे इस टीबी की जंग को जीता जा सके।
जानकारी अनुसार जिले में व्यस्कों को टीबी से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान चलाएगा। इसके लिए जिले में वयस्कों को टीका लगाए जाने की योजना है। जिला टीबी अधिकारी डा. सुमित सिंगौर ने बताया कि बीसीजी टीकाकरण को लेकर विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नवजातों के बाद बीसीजी (बैसिलस कैलमेट-गुएरिन) का टीका अब युवाओं को भी टीबी से सुरक्षित रखेगा। इसमें पहले उन परिवारों को चिंहित किया जाएगा। जिनके परिवार में पहले टीबी के मरीज रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करके बीसीजी टीका के बारे जानकारी दी जाएगी। जिसके बाद पात्र हितग्राही की सहमति लेकर टीका लगाया जाएगा।
डीपीसी कीर्ति सिंह ने बताया कि बीसीजी का टीकाकरण अभियान चलाने से पहले जिले के सभी विकासखंडों में कार्यरत आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, सुपरवाईजर, सीएचओ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे बीसीजी वैक्सीन के लिए सर्वे किया जा सके। प्रशिक्षण के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला टीबी की इस जंग से लडऩे के लिए पूरी तरह तैयार होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पात्र व्यस्कों की जानकारी एकत्र करेंगी। सर्वे कार्य पूर्ण होने के बाद टीकाकरण कार्य शुरू किया जाएगा। बता दे कि इसी माह के अंत तक टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा। जिससे टीबी को जिले से पूरी तरह समाप्त किया जा सके। श्री सिंह ने बताया कि जिन क्षेत्रों में प्रशिक्षण हो चुके है, उन क्षेत्रों में सर्वे कार्य शुरू हो चुका है। बीसीजी के लिए पात्र लोगों का चिन्हांकन किया जा रहा है।
- छह माह चलता है इलाज :
डीपीसी कीर्ति सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिले में टीबी के 825 मरीजों का उपचार चल रहा हैं। टीबी के मरीज का इलाज कम से कम 6 माह चलता है। इसमें 2 सप्ताह से ज्यादा देर तक खांसी रहना, रात को सोते समय पसीना आना, ठंड में भी पसीना आना, बुखार आना, थकावट होना, वजन कम होना व सांस लेने में दिक्कत होना आदि लक्षण हैं। इसके साथ ही डॉ. सुमित सिंगौर ने बताया कि उन सभी को टीका लगाया जाएगा जिन्हें टीबी होने का खतरा है। इसके लिए हर गांव में इसके लिए सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया।
इन्हें लगेगा बीसीजी टीका :
जिला क्षय अधिकारी डॉ. सुमित सिंगौर ने बताया कि बीसीजी का टीका 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग, जिन लोगों को पिछले पांच वर्षों में एक बार भी टीबी हुई हो, 60 वर्ष और उससे अधिक के बुजुर्ग, धूम्रपान करने वाले लोग, पिछले तीन साल के टीबी रोगियों के संपर्क में आने वाले लोग, मधुमेह पीडि़त के साथ-साथ बीएमआई 18 से कम (बाडी मास इंडेक्स ) वाले व्यक्ति भी शामिल हैं। बता दे कि टीकाकरण से पूर्व व्यक्ति से लिखित सहमति ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इन वर्गों में भी टीकाकरण स्वेच्छा के आधार पर ही किया जाएगा।बीसीजी टीका के लिए ये नहीं होंगे पात्र :
बीसीजी का टीकाकरण अभियान चलाने से पहले जिले में सर्वे किया जाएगा। सर्वे में चिन्हित लोगों को वैक्सीन लगाने की कार्य योजना बनाकर लोगों की सहमति ली जाएगी। जिसके बाद चिन्हित परिवार को वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन लगाने के लिए पात्रता निर्धारित की गई है, जिसके आधार पर वैक्सीन लगाई जाएगी और जो पात्र नहीं होंगे उन्हें टीका नहीं लगाया जाएगा। वैक्सीन के लिए पात्रता नहीं रखने की शर्तो में 18 वर्ष से कम उम्र वाले, जो टीका लगाने की सहमति नहीं दे रहा। गंभीर रूप से बीमार, गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिला, वर्तमान में टीबी का उपचार लेने वाले, टीबी रोकथाम थैरेपी, लॉस्ट टू फॉलो उप पेशेंट, एचआईवी, कैंसर, इम्यूनोसप्रेसेंट दवा, प्रत्यारोपण रिसीवर, बीसीजी या किसी भी वैक्सीन के लिए ज्ञात गंभीर प्रतिक्रिया वाले व्यक्ति, एचआईवी के उच्च जोखिम वाले व्यक्ति बीसीजी टीकाकरण के लिए पात्र नहीं होंगे।फैक्ट फाईल
2023
पब्लिक केस प्राईवेट केस
1499 404
2024
पब्लिक प्राईवेट
97 25
नोट- वर्तमान में 825 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है।
- इनका कहना है
वयस्कों में बीसीजी वैक्सीन के लिए प्रक्रिया की शुरूआत कर दी गई है। फिलहाल सभी विकासखंडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, कुछ क्षेत्रों में सर्वे शुरू हो चुका है, सर्वे के बाद वयस्कों की अनुमति लेकर बीसीजी का टीकाकरण किया जाएगा। यह टीकाकरण टीबी की जंग में कारकार साबित होगा।
डा. सुमित सिंगौर
जिला क्षय अधिकारी, मंडला
सर्वे कार्य के बाद जल्द ही बीसीजी टीकाकरण शुरू किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, सुपरवाईजर, सीएचओ के साथ स्वास्थ्य विभाग का अमला मैदानी स्तर पर कार्य कर रहा है। इस टीबी की जंग को जीतने के लिए सभी भरकस प्रयास कर रहे है।
कीर्ति सिंह
जिला कार्यक्रम समन्वयक, मंडला
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