AMU में BBC डॉक्युमेंट्री के पोस्टर चस्पा,प्रॉक्टर बोलें बाहरी ने लगाए पोस्टर,AMU का कोई छात्र नहीं

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AMU में चोरी छुपे दीवारों पर चस्पा हुए BBC डॉक्युमेंट्री के पोस्टर,बाहरी तत्व पोस्टर लगा अंधेरे में फरार,CCTV भी निल/सन्नाटा
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अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्युमेंट्री को लेकर उस वक्त बड़ा भूचाल आ गया। जब अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ बाहरी तत्वों द्वारा चोरी छुपे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का माहौल खराब करने को लेकर कैंपस के अंदर गुजरात के गोधरा कांड से जुड़ी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के दीवारों पर जगह जगह पोस्टर चस्पा कर दिए गए। एएमयू में बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पोस्टर चस्पा होने की खबर जंगल में लगी आग की तरह कैंपस में फैलते ही एएमयू एडमिनिस्ट्रेशन की सांसे अटक गई। जिसके बाद एएमयू सिक्योरिटी गार्डों ने आनन-फानन में बिना वक्त गवाएं एएमयू की दीवारों पर लगे बीबीसी डॉक्युमेंट्री पोस्टर को हटाया गया। आपको बता दें कि एएमयू में चोरी छुपे अंधेरे में घुसे बाहरी तत्वों द्वारा AMU कैंपस का माहौल खराब करने को लेकर उन दीवारों को अपना निशाना बनाया जिन जगहों पर घना अंधेरा कायम था। जहां बाहरी शरारती तत्वों ने आसानी के साथ बीबीसी डॉक्युमेंट्री के जगह-जगह पर पोस्टर चस्पा किए और अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए। वही इस मामले पर मौके पर पहुंचे एएमयू एडमिनिस्ट्रेशन टीम ने कैंपस के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरा को चेक किया। तो अंधेरे के चलते उन जगहों पर पोस्टर चस्पा करने वाले बाहरी शरारती तत्व कैद नहीं पाए गए। प्रॉक्टर का कहना है कि कैंपस में बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पोस्टर क्यूआर कोड के साथ दीवारों पर चस्पा करने के मामले में यूनिवर्सिटी का कोई स्टूडेंट्स शामिल नहीं है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना सिविल लाइन इलाका स्थित एएमयू कैंपस में बुधवार देर शाम कई जगह बीबीसी डॉक्युमेंट्री पर क्यूआर कोड के साथ पोस्टर लगाने का मामला संज्ञान में आया था। एएमयू कैंपस में कई जगहों पर डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर लगाए गए और इन पोस्टरों पर डॉक्यूमेंट्री का क्यूआर कोड भी चस्पा किया गया था। जो भी इसको स्कैन करेगा। जिसके बाद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री खुल जाएगी। जब इसकी जानकारी एएमयू प्रशासन को हुई तो आनन-फानन में एएमयू कैंपस की दीवारों पर जगह-जगह लगे पोस्टरों को सिक्योरिटी की मदद से हटवा दिया। वहीं इस मामले में प्रॉक्टर वसीम अली का कहना है कि एएमयू कैंपस में कुछ आइसोलेटेड जगह हैं। जहां पर काफी अंधेरा था। उन जगहों पर मौका पाकर के बाहरी शरारती एलिमेंट्स अंधेरे में बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पोस्टर लगाकर चले गए। एएमयू कैंपस में जैसे ही बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पोस्टर लगाए जाने की जानकारी सिक्योरिटी की नोटिस में आयी तो सिक्योरिटी के द्वारा तुरंत दीवारों पर लगे बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पोस्टर तत्काल हटा दिए गए। जबकि दीवारों पर बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पोस्टर लगाने के मामले में यूनिवर्सिटी का कोई छात्र शामिल नहीं है। उनका अंदाजा है कि उसमें कोई बाहरी शरारती तत्व है जो अंधेरे में मौका पाकर के यह काम करके चला गया।जबकि कैंपस की दीवारों पर बीबीसी डॉक्युमेंट्री के 24 पोस्टर लगाए गए थे। दीवारों पर चस्पा किए गए पोस्टर स्क्रीनिंग डॉक्यूमेंट्री के बारे में था। जिसके बाद पोस्टर चस्पा करने वाले शरारती तत्व को सीसीटीवी कैमरा में तलाश करने की कोशिश की गई। लेकिन उन जगहों पर अंधेरा होने के चलते पोस्टर लगाने वाले लोग सीसीटीवी कैमरा में नजर नहीं आए। वहीं डॉक्टर वसीम अली का कहना है कि इस मामले में जांच का कोई मसला ही नहीं है और ना ही ऐसी कोई बात है। क्योंकि एएमयू कैंपस में कोई चोरी छुपे घुसा और दीवारों पर पोस्टर लगाकर चला गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि दीवारों पर पोस्टर चस्पा करने में एएमयू के छात्र बिल्कुल भी शामिल नहीं है। कोई बाहर का आदमी हैं जो यूनिवर्सिटी अंदर बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पोस्टर लगाकर एक प्रॉब्लम क्रिएट करने की कोशिश की गई हैं। जिसके चलते वह शरारती तत्व ऐसा करके चला गया।