मानवता की अनूठी मिसाल-सेवानिवृत्त अध्यापक रामसुख शर्मा करवा चुके तीन पानी की टंकियों का निर्माण

in #barsani2 years ago

बरसनी । ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाले एक सेवानिवृत्त अध्यापक रामसुख शर्मा के सेवाभाव व जज्बे को देखकर हरकोई लालायित हो उठता है ।इस मानवीय जीवन मे बहुत से लोगो के पास धनबन कितना ही हो लेकिन उसमें से कुछ एक इंसान ही ऐसे होते है जो मानवीय संवेदनाओं को समझकर समाजपयोगी सेवाभाव से कही दान धर्म ,व अच्छे कार्यो के लिए खर्च करने सामर्थ्य रखते है ।

अध्यापक रामसुख शर्मा वर्ष 2002 में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बरसनी से सेवानिवृत्त हुए उस समय सेवानिवृत्त के उपलक्ष्य में विद्यालय के बच्चो के लिए पीने के पानी के लिए टंकी का निर्माण करवाया । काफी समय बीत जाने के कारण टंकी की अवस्था जर्जर हो चली थी । उसका जिम्मा उठाया शर्मा ने हाल ही में उनकी पत्नी का निधन हो चला था तो पत्नी सीतादेवी की याद में उस टंकी का पुननिर्माण करवाया गया। जिनका शनिवार को विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रवण लाल खटीक,अध्यापक रामचंद्र जाट,प्रभुद्ध राम,रूपेंद्र,मदन मोहन शर्मा,ज्योति स्वरूप शर्मा,भेरूलाल बडोला
आदि अध्यापकों द्वारा साफा पहनाकर स्वागत किया गया ।

शर्मा है पर्यावरण प्रेमी - 80 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक रामसुख शर्मा ने पौधारोपण का अनूठा तरीका अपनाते हुए अब तक करीब बरगद और पीपल के 3000 पौधे तैयार कर वितरित कर दिए हैं । रामसुख शर्मा वर्ष 2002 में राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद अधिकांश समय सामाजिक कार्य में लगाते हैं ।वह आस-पास से स्वयं अंकुरित होने वाले बरगद पीपल के पौधे की जड़ सहित उखाड़ कर लेकर आते हैं ।और अपने ही घर पर तैयार करवाए गए ट्रि पोर्ट में लगा देते हैं। घर की छत को ही बना रखा है नर्सरी हर वर्ष 400 से 500 पौधे तैयार करते हैं और वर्षा ऋतु में जिनको भी जरूरत होती है उनको वितरण भी करते है और स्वयं भी पौधरोपण करते है । सेवाभावी अध्यापक के इस प्रकृति प्रेम को देख आसपास से कई ग्रामीण पौधे लेने के लिए पहुचते है ।