आत्म हत्या की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयास जरूरीः विश्नोई

in #barmer2 years ago

अनमोल जीवन अभियान के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित।
बाड़मेरIMG-20220727-WA0063.jpg
आत्म हत्या की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। इसके कारणों का विश्लेषण करते हुए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना होगा। अवसाद से ग्रसित व्यक्तियों की समय रहते काउंसलिंग के जरिए जान बचाई जा सकती है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने बुधवार को जिला परिषद सभागार में अनमोल जीवन अभियान के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान यह बात कही।
परामर्शदाता एवं वालिटिंयर्स की कार्यशाला का आयोजन जिला प्रशासन, एक्शन एड, यूनिसेफ एवं शुभम संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
इस दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के लोगों की संघर्ष करने की प्रवृति रही है। उन्होने लंबे समय तक अकाल के साथ प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला किया है। उन्होने कहा कि पिछले कुछ वर्षाें में सुविधाओं में इजाफा होने के बाद लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने से कतराने लगे है। संयुक्त परिवार के विघटन एवं मोबाइल के आगमन से अवसाद में इजाफा हुआ है। ऐसे में आत्महत्या जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। उन्होने युवाओं में मोबाइल के प्रति बढ़ते क्रेज को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि बाड़मेर जिले में आत्म हत्या की घटनाओं को रोकने लिए जिला प्रशासन के साथ स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि, जन प्रतिनिधिगण प्रयास कर रहे है।
उन्होने कार्यशाला में उपस्थित संभागियो से आहवान किया कि वे आमजन तक यह संदेश पहुंचाएं कि अगर किसी व्यक्ति में अवसाद जैसे लक्षण दिखे तो हैल्प लाइन पर सूचना देने के साथ उसकी काउंसलिंग अवश्य करवाएं। ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्नोई ने जिले में अनमोल जीवन अभियान संबंधित विस्तार से जानकारी दी।
पुलिस उप अधीक्षक आनंद सिंह राजपुरोहित ने कहा कि महिलाओं की अपने मासूम बच्चो की हत्या के बाद स्वयं आत्म हत्या करने की प्रवृति बेहद खतरनाक है। ड्रिपेशन के शुरूआती लक्षणों को पहचाने के बाद संबंधित की समय रहते काउंसलिंग की जरूरत है। उन्होने कहा कि आत्म हत्या के कारणों की तह पर जाने के बाद उसके समाधान के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाना होगा। उन्होने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सुख, दुःख आते है। लेकिन आत्म हत्या समस्या का समाधान नहीं है। उन्होने कहा कि कार्यशाला तभी सार्थक होगी, जब हम अपने प्रयासों की बदौलत अवसाद से ग्रसित व्यक्ति की पहचान करके परामर्शदाताओं के सहयोग से किसी की जान बचा सके। उन्होने पुलिस विभाग की ओर से इस अभियान में पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित ने कहा कि बाड़मेर जिले में बाल विवाह, बेमेल विवाह एवं रोजमर्रा की जिन्दगी में मोबाइल के हस्तक्षेप की वजह से आत्म हत्या की घटनाओं में इजाफा हुआ है। उन्होने पारिवारिक संस्कारों एवं सकारात्मक जागरूकता की जरूरत जताते हुए कहा कि इस अभियान में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अगर कोई व्यक्ति अवसाद में दिखाई देता है तो शुरूआती दौर में उसकी समस्या समाधान का प्रयास किया जाए।
जिला युवा अधिकारी सचिन पाटोदिया ने हैल्प लाइन के प्रचार-प्रसार के साथ आत्म हत्या की रोकथाम के लिए गणमान्य नागरिकों का सहयोग लेने की जरूरत जताई। उन्होने कहा कि इस अभियान से जुड़े कार्यकर्ता अवसाद से ग्रसित लोगों की काउंसलिंग मे मदद करें। उन्होनें अनमोल जीवन अभियान के तहत चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि देवाराम, मनोचिकित्सक डा.राजेन्द्र कुमार, डा. बंशीधर तातेड़, एक्शन एड की राज्य स्तरीय समन्वयक सियोन, विकास सिंह, सुभाषचंद, पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित ने आत्म हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा प्रिंट एवं सोशल मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस दौरान परामर्शदाता वंदना गुप्ता समेत विभिन्न संस्थाओं की प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन मुकेश व्यास ने किया। इससे पहले जिला समन्वयक विकास सिंह ने आगंतुकों का आभार जताया।