बेटी के नामकरण पर चुनड़ी ओढाकर किया स्वागत

in #barmer2 years ago

बाड़मेर। महिला संगठन बाड़मेर की ओर से बेटियों के जन्म उत्सव मनाने का सिलसिला लगातार जारी है। संगठन ने अब तक 108 बेटियों के जन्म दिवस पर थाली बजाकर, गुड, मिठाई खिलाकर और पीला ओढ़ना ओढ़ाकर कर दूसरी बेटी या तीसरी बेटी के जन्म पर स्वागत किया है। इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि बेटियां पराया धन या बोझ नहीं है। आजकल बेटियां माता-पिता, अपने परिवार, गांव और शहर के साथ-साथ जिले और राज्य का नाम रोशन कर रही हैं। बस उन्हें जरूरत है प्यार और सम्मान की जो बेटों के समान दिया जाना चाहिए।
यह बात महिला संगठन के अध्यक्ष अनिता सोनी ने मिठड़ा निवासी एलसी चौधरी के तीसरी बेटी परिधि के नामकरण के अवसर पर कही। बेटे जब तीन भी होते हैं तो तालियां बजती है, स्वागत होता है तो बेटी के जन्म पर क्यों नहीं होता। जब सेवा और परिवार का नाम बढ़ाने में बेटियां सबसे आगे हैं।

संगठन से जुड़ी मीना चौधरी ने बताया कि संगठन पिछले 3 सालों से यह काम कर रहा है जिसमें महिलाओं को भी मान सम्मान मिलना चाहिए और इसके लिए समाज आगे आकर पहल करें। बेटी और बेटा गाड़ी के वह दो चक्के हैं जिसके बिना गाड़ी चल नहीं सकती तो फिर बेटियों के साथ में यह भेदभाव क्यों। ऐसी परिस्थिति में बेटियों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा से जोड़ना और उनको आत्मनिर्भर बनाना है। संगठन से जुड़ी पूनम जोशी ने बताया की हम बेटियां को शिक्षा से जोडे पर उसके साथ साथ उनको आत्मरक्षा के गुर सिखाए। जिससे वह कभी किसी हिंसा की शिकार ना हो और अपनी खुद की रक्षा कर पाए। संगठन द्वारा एक प्रयास हमेशा किया जाता है कि महिलाओं को आत्मरक्षा करने के गुण सिखाए और वह हम अभी कर रहे हैं आगे भी करते रहेंगे।

इस अवसर पर खुशियां के साथ-साथ कई लोग मौजूद रहे धोरीमन्ना की रहने वाली एलसी का कहना था जब दो से तीसरी घर में लक्ष्मी आती है तो मां-बाप तो खुश होते हैं क्योंकि उनकी संतान होती है लेकिन जब आसपास के जो लोग होते हैं वह लोग एक ताने के स्वर में कहते हैं कि फिर से बेटी आ गई यह शब्द रोज रोज सुनना पड़ता है यह प्रथा कम नहीं होगी तब तक बदलाव नहीं आएगा। इसीलिए हमें वापस उनको जवाब देना चाहिए कि बेटियां हमारे बेटों से आगे है। जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री होकर अपना परिवार का नाम रोशन कर सकती हैं तो हमारी बेटियां क्यों नहीं।

Screenshot_2022_0614_184314.jpg इस अवसर पर एकल महिला संगठन के संतोष ने कहा महिलाओं को हमेशा मीटिंग में भाग लेना चाहिए और खुद को जागरूक रखना चाहिए इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की संगठन से जुड़ी पप्पू देवी ने कहा हिंसा का विरोध करें और महिलाएं आगे बढ़े हिसा सहना भी अपने आप में एक गलत है रतु बाई ने कार्यक्रम का संचालन किया । कार्यक्रम के दौरान सुआ, दरिया,देसू छगनी, रेसमी संगीता, सजना रमाई सविता ममता ने बेटियां हैं देश की शान गीत गा कर खुशियां मनाई । इस अवसर पर अलवर के धर्मवीरसिंह ने भी बेटी का स्वागत किया और कहा महिलाओं की बिना संसार नहीं चलता इसीलिए पुरुषों को आगे होकर बेटियों का स्वागत करना चाहिए यशवंत सोनी ने कहा जिस घर में बेटियां नहीं होती वह घर सुना होता है बेटियों की किलकारियां बहुत जरूरी है कार्यक्रम के दौरान भुवनेश राव, इमाम खान रहमान खान हेमंत मदन दीपला, ईशा खान सहित कई लोग मौजूद रहे

धोरीमन्ना से भुवनेश राव की रिपोर्ट