श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का हो जाता है कल्याण- उमाशंकर शास्त्री

in #banwar2 years ago

IMG-20220519-WA0007.jpgIMG-20220519-WA0005.jpgशास्त्री
बनवार
चुंबक की तरह मनुष्य को खींचती है भागवत
बनवार के समीपी गांव घाट मनगुवा में शुरू हुई संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के दूसरे दिन कथावाचक पं उमाशंकर शास्त्री ने कहा कि भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया उसे जाने दें। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।
इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं का आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें।
भागवत कथा चुंबक की तरह काम करती है जो मनुष्य के मन को अपनी ओर खींचती है। इसके माध्यम से हमारा मन भगवान से लग जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है।
व्यास जी ने जब भगवत प्राप्ति का ग्रंथ लिखा, तब भागवत नाम दिया गया। बाद में इसे श्रीमद्भागवत नाम दिया गया। जो व्यक्ति भागवत सुनता है उसका अहंकार दूर हो जाता है। आचार्य पंडित उमेश शास्त्री राम दुबे ओम शुक्ला इस मौके पर सरपंच संतोष लोधी सुमन सिंह साहब मोहन बारती कडोरी की उपस्तिथी रही