सत्कर्म करने से ही प्रभु की कृपा प्राप्त होती:

in #banwar2 years ago

IMG-20220520-WA0003.jpgIMG-20220520-WA0002.jpg![IMG-20220520-WA0001.jpg](https://images.wortheum.news/DQmTAJR4cYyyiQXvYRNe35W59K2UvuP6AbA9BWWc8QzRo8H/IMG-20220520-WA0001. बनवास घाट मनगुवा में चल रही है संगीत में श्रीमद् भागवत महापुराण के तीसरे दिन पंडित उमा शंकर शास्त्री कहा कि सत्कर्म करने से ही प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। आपके हृदय में भगवान का वास है तो श्रीहरि ही पाप, पाखंड, रजोगुण, तमोगुण से हमेशा दूर रखते हैं। भगवान का उन्हीं लोगों के हृदय में वास होता है, जो सत्कर्म करते हैं। अनैतिक कमाई का लाभ तो कोई भी उठा सकता है। परन्तु तुम्हारे अनैतिक कर्मों को तुम्हें ही भोगना होगा।
इसलिए कर्म करने में सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि मनुष्य का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना यह है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। शास्त्री जी ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है। उन्होंने कहा कि भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निष्काम हो वहीं सच्ची भक्ति है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।