बांग्लादेश के नड़ाइल में हिंदुओं पर क्यों, कैसे हुआ हमला-ग्राउंड रिपोर्ट

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बांग्लादेश के नड़ाइल ज़िले में फ़ेसबुक पर धार्मिक अवमानना के कथित पोस्ट के आरोप में लोहागढ़ उपज़िला के एक गांव में हिंदू संप्रदाय के घरों और मंदिर पर हमले और आगजनी की घटना के दो दिन बाद, पांच संदिग्ध अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है.

गांव के हिंदू परिवार अब भी आतंक में दिन गुज़ार रहे हैं.

लेकिन सांप्रदायिक हमले की इतनी बड़ी घटना के पीछे क्या सिर्फ एक फ़ेसबुक पोस्ट हैं या फिर राजनीतिक या दूसरी वजहें हो सकती हैं, इन सवालों पर चर्चा जारी है.

नड़ाइल के अवामी लीग सांसद और बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मशरफ़े बिन मुर्तजा ने कहा है, "सनातन धर्मावलंबियों पर हमले से इसी संप्रदाय के लिए ही नहीं बल्कि मेरे लिए भी मुश्किलें पैदा हो गई है."

बीते शुक्रवार को नड़ाइल को लोहागढ़ उपजिले के जिस दीघलिया गांव में सांप्रदायिक हमले की घटना हुई वह हिंदू बहुल है.

स्थानीय यूनियन परिषद की एक पूर्व सदस्य ब्यूटी रानी मंडल ने बताया कि गांव में मुसलमानों के करीब 15 घर हैं. लेकिन 110 हिंदू परिवार वहां रहते हैं. उनका कहना है कि हिंदू समुदाय के लोग कई पीढ़ियों से गांव में रह रहे हैं. लेकिन पहली बार उन पर ऐसा हमला हुआ है.

अब सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद उन लोगों में डर और आतंक के साथ ही भरोसे का संकट भी पैदा हो गया है.

ब्यूटी रानी मंडल कहती हैं, "हमले के बाद महिलाएं, बच्चे और युवक घरों में नहीं रह रहे हैं. वह लोग दूसरे इलाको में अपने रिश्तेदारों के घर रहने चले गए हैं. फिलहाल सिर्फ बुजुर्ग लोग ही गांव में बचे हैं."

उनका कहना है कि जहां लोग लंबे अरसे से सांप्रदायिक सद्भाव के साथ रहते आए हैं वहां महज एक फेसबुक पोस्ट के कारण हमले की ऐसी घटना नहीं हो सकती. उनकी राय में धर्म का इस्तेमाल कर सुनियोजित तरीके से इस घटना को अंजाम दिया गया है.

उन्होंने कहा, "शुक्रवार शाम को यह अफ़वाह फैलाई गई कि एक युवक ने अपनी फेसबुक पोस्ट के ज़रिए इस्लाम का अपमान किया है. इसकी पुष्टि या इसके खिलाफ कार्रवाई का कोई मौका दिए बिना ही शाम को हमला कर दिया गया."

"शुक्रवार शाम को फेसबुक पोस्ट के जरिए इस्लाम धर्म के अपमान की अफवाह फैलाई गई. इसके कुछ देर बाद ही सात-आठ सौ लोगों ने आ कर हमला कर दिया. हमलावरों में युवकों और मदरसे के छात्रों के अलावा वयस्क लोग भी शामिल थे."

उन्होंने बताया कि हमलावर अल्लाह-ओ-अकबर के नारे लगा रहे थे. इसके लिए अलावा भीड़ 'हिंदुओं को मारो' जैसे नारे लगा रही थी.

हालांकि नड़ाइल के ज़िला प्रशासक मोहम्मद हबीबुर्रहमान का कहना है, "सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज के अलावा आंसू गैस के गोले छोड़ कर हमलावरों को सख्ती से तितर-बितर कर दिया था. मौके से भागते समय हमलावरों ने कुछ जगहों पर तोड़-फोड़ की."