प्राचीन मुद्रा का संग्रहण हमारी संस्कृति की धरोहर

in #banda9 days ago

बांदा 7सितंबर:(डेस्क)बांदा में शहर के होटल तुलसी स्वरूप में तीन दिवसीय राधा कृष्ण बुंदेली फाउंडेशन की शजर व मुद्रा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन पूर्व डीजीपी विजय कुमार ने फीता काटकर किया, जो इस कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से उपस्थित हुए थे।

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प्रदर्शनी का उद्देश्य
यह प्रदर्शनी राधा कृष्ण बुंदेली फाउंडेशन द्वारा आयोजित की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहर और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना है। प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार की शिल्पकला, हस्तनिर्मित वस्त्र, और स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है, जिससे स्थानीय कलाकारों को अपने काम को प्रदर्शित करने का अवसर मिल रहा है।

उद्घाटन समारोह
उद्घाटन समारोह में पूर्व डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी न केवल स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहित करती है, बल्कि यह युवा कलाकारों को भी प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोना और उसे आगे बढ़ाना सभी का कर्तव्य है।

प्रदर्शनी में शामिल वस्तुएं
प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार की वस्तुएं शामिल थीं, जैसे कि:
हस्तशिल्प: स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए विभिन्न हस्तशिल्प उत्पाद।
कला: चित्रकला, मूर्तिकला और अन्य कलात्मक प्रदर्शनों का संग्रह।
पारंपरिक वस्त्र: बुंदेलखंड की पारंपरिक वेशभूषा और वस्त्रों का प्रदर्शन।

स्थानीय कलाकारों की भागीदारी
इस प्रदर्शनी में कई स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया, जिन्होंने अपने काम को प्रदर्शित किया। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां वे अपने उत्पादों को सीधे दर्शकों के सामने रख सकते हैं।

प्रदर्शनी का महत्व
यह प्रदर्शनी न केवल स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देती है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है। जब लोग स्थानीय उत्पादों को खरीदते हैं, तो इससे कारीगरों और कलाकारों को आर्थिक सहायता मिलती है।

भविष्य की योजनाएं
राधा कृष्ण बुंदेली फाउंडेशन ने भविष्य में इस तरह की और प्रदर्शनी आयोजित करने की योजना बनाई है। उनका उद्देश्य है कि वे अधिक से अधिक लोगों को बुंदेलखंड की संस्कृति और कला से जोड़ सकें।

निष्कर्ष
बांदा में आयोजित यह प्रदर्शनी एक सफल प्रयास है, जो स्थानीय संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। पूर्व डीजीपी विजय कुमार की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। उम्मीद है कि इस तरह के आयोजन आगे भी होते रहेंगे और बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोने में मदद करेंगे।