जेपी के गाँव को बाढ़ से बचाने के लिये रिंग बांध का जिओ बैग आठ माह में ही फटने लगा

जयप्रकाश नगर । लाख प्रयास के बावजूद बाढ़ और कटान के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग और बंदरबांट पर लगाम नहीं पा रहा है।सरयू नदी के दाहिने इब्राहिमाबाद नौबरार (अठगावा) के समीप बने रिंग बांध में लगा जिओ बैग अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं कर पाया और ऊपर से बैग फटना शरू हो गया है और उसमें भरा बालू हवा के झोंको में उड़ना शुरू हो चुके है। वही सटे बिहार की सीमा में बीते करीब पांच वर्ष पूर्व से लगे जियो बैग पूरी तरह ठीक स्थिति में दिखाई दे रहे हैं ।इसके बावजूद विभाग सो रहा है।

जिले के पूर्वी छोर पर स्थित समाजवाद के पुरोधा व सम्पूर्ण क्रांति के अग्रज रहे जयप्रकाश नारायन के पैतृक गांव सिताबदियारा गंगा व घाघरा नदी के बाढ़ के पानी से वर्षों से तबाह होता चला आ रहा है। इसे बाढ़ से बचाने के लिए रिंग बांध बनाने का प्रयास यूपी और बिहार राज्य के जनप्रतिनिधियों द्वारा बहुत दिनों तक करने के बाद वर्ष 2017 में सहमति बनी और रिंग बांध बनाने की स्वीकृति सरकार द्वारा मिली। उसी समय इसका निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। बिहार सरकार द्वारा अपने क्षेत्र में करीब 85 करोड़ की लागत से लगातार कार्य करवाकर रिंग बांध का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में ही पूरा कर लिया गया । और रिंग बांध में बिहार के सीमा में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा उपयोग किये जियो बैग आज भी करीब पांच वर्ष बीतने के बावजूद भी ज्यों की त्यों दुरुस्त स्थिति में दिखाई दे रहे है । लेकिन वहीं यूपी की सीमा में 40.4976 करोड़ की लागत से गंगा व घाघरा नदी के किनारे होने वाले निर्माण कार्य मे घाघरा नदी के किनारे इब्राहिमाबाद नौबरार (अठगावा ) के सामने निर्माणाधीन रिंग बांध में अभी करीब आठ माह पूर्व में ही लगा जिओ बैग अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं कर पाया और फटना शुरू हो गया है। इसके चलते, उसमें भरा बालू हवा के झोंकों से उड़ने लगा है। इसके भरोसे आखिर कब तक यह बांध इस सिताबदियारा को सुरक्षित कर पाएगा यह कहना मुश्किल है। जबकि सरकार द्वारा इस पर अब तक करीब तीस करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये जा चुके हैं ।उसमें रिंग बांध निर्माण में कितने प्रतिशत सही कार्य करवाये गए होंगे यह एक यक्ष प्रश्न है ।

वर्जन -
सिताबदियारा को सुरक्षित करने के लिए रिंग बांध का निर्माण कार्य करीब सत्तर फीसदी हो चुका है ।वही सरयू नदी के किनारे निर्माणधीन रिंग बांध के ठेकेदार द्वारा जो लापरवाही की जा रही है उसके लिए उसे नोटिस जारी कर दिया गया है ।साथ ही उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही भी सुनिश्चित करवाई जाएगी ।वही रिंग बांध निर्माण में लगाए गए जियो बैग क्षतिग्रस्त होने की बात है । तो वह लगाकर मिट्टी से उसे ढका जाता है नहीं ढकने के कारण यदि वह क्षतिग्रस्त हो गए है तो उसे पूरी तरह बदल कर ही कार्य को मूर्तरूप दिया जाएगा ।
संजय कुमार मिश्रा (एक्सईएन, बाढ़ खण्ड , बलिया )