यह इस्लाम हमारा है के साथ दफन हुई ताजिया
( बलिया) : बच्चों की कुर्बानी देकर हमने दीन संवारा है ये इस्लाम हमारा है के साथ नगरा की सबसे ऊंची ताजिया दफन हुई। नगर पंचायत नगरा तथा ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मिट्टी दफन की रस्म अदायगी के साथ ही दस दिवसीय मातमी पर्व मुहर्रम मंगलवार को शान्तिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हो गया। दसवीं तारीख को निकले जुलूस में शामिल लोगों ने जम कर मातम किया। नौहा व मर्सिया पढ़ा और शस्त्र कलाओं का प्रदर्शन कर इस कला की पुरानी परम्परा को जीवित किया। पूरब मुहल्ला की कमेटी अंजुमन हैदरिया व पश्चिम मुहल्ले की दो कमेटियों अंजुमन असगरिया व अंजुमन हुसैनिया के नेतृत्व में निकले ताजियों का मिलान सायंकाल 6.34 बजे कुजडा मुहल्ले के सामने मुख्य सड़क पर हुआ। इस दौरान विभिन्न अखाड़ों के युवाओं ने विविध प्रकार के करतब दिखाएं। ब्लेड मातम व जंजीर मातम देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ी रही। ताजिया जुलूस में हर घर तिरंगा अभियान की झलक आकर्षक का केंद्र बनी रही ।जुलूस को सकुशल संपन्न कराने के लिए क्षेत्राधिकारी रसड़ा शिव नारायण वैस, थानाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ दूबे भारी पुलिस फोर्स के साथ चक्रमण करते रहे। ताजियादार शफीक अहमद, इशहाक राइन, भोलू कुरैशी के अलावा इश्तेयाक अहमद, रिजवान अहमद, मो इमरान, कुदारी राइन,काशीनाथ जायसवाल, राज बहादुर सिंह अंशू, देवेन्द्र सिंह , आलोक शुक्ल, जयप्रकाश जयसवाल, राजू सोनी सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।