सोनभद्र के सलखन स्थित जीवाश्म पार्क को पर्यटन स्थल के रूप में किया जायेगा विकसित-

in #ballia2 years ago

सोनभद्र के सलखन स्थित जीवाश्म पार्क को पर्यटन स्थल के रूप में किया जायेगा विकसित-

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के सलखन स्थित जीवाश्म पार्क को पर्यटन स्थल के रूप में किया विकसित किया जाएगा
जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से परियोजना तैयार करने के लिए जिलाधिकारी सोनभद्र को निर्देश दिया गया है
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जय वीर सिंह ने कहा है कि जनपद सोनभद्र के विधानसभा क्षेत्र ओबरा के ग्राम पंचायत सलखन में स्थित जीवाश्म पार्क को ईको-टूरिज्म बोर्ड से जोड़ते हुए पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके लिए जिलाधिकारी सोनभद्र को जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि यह जीवाश्म पार्क अमेरिका के एलो स्टोन जीवाश्म पार्क की तरह देश की बहुमूल्य धरोहर है। यह पार्क धरती पर जीवों की उत्पत्ति का रहस्य समेटे हुए है।
पर्यटन मंत्री ने यह जानकारी विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में आज यहां दी। उन्होंने बताया कि सोनभद्र का यह जीवाश्म पार्क 150 करोड़ वर्ष पुराना है और 25 हेक्टे0 में फैला हुआ अमेरिका के एलो-स्टोन पार्क से भी बड़ा है। भू-वैज्ञानिकों की दृष्टि से इसकी प्राकृतिक संरचना अद्भुत है। यह कैमूर वन्य जीव विहार के परिक्षेत्र में स्थित है और सोनभद्र के मुख्यालय रावर्ट्सगंज से लगभग 16 किमी0 की दूरी पर स्थित है। उन्होंने बताया कि इस पार्क को संरक्षण एवं अतिक्रमण से बचाने के लिए पूर्व में सुरक्षा की व्यवस्था की गयी थी।
उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए वर्ष 2021 में 50 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी थी। इस पार्क में बुनियादी सुविधाओं, सुरक्षा तथा पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाओं की व्यवस्था के लिए कार्य कराये गये थे। मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ जी ने यहां कराये गये कार्यों का लोकार्पण 22 दिसम्बर, 2021 को किया था। फॉसिल्स पार्क के विकास एवं सौन्दर्यीकरण हेतु सफाई, मरम्मत, सोलर लाइट, शौचालय, पार्क एवं गेट की व्यवस्था, सीमेंटेड शेड, दर्शकों के बैठने के लिए कुर्सियॉ, चहारदीवारी आदि का निर्माण कराया गया था।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस जीवाश्म पार्क को प्रकृति की बहुमूल्य धरोहर मानते हुए इसके संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही इसके आस-पास अवैध खनन आदि पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन को जरूरी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक धरोहरों के प्रति संरक्षण की भावना जागृत करने तथा जैव विविधता पारिस्थितिकीय तंत्र को हानि पहुचाये वगैर विकास एवं संरक्षण का कार्य किये जाने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि इस जीवाश्म पार्क की लोकप्रियता को देखते हुए पर्यटन विकास की असीमित संभावनायें हैं। इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार तथा प्रदेश को आमदनी भी होगी। इस दृष्टि से इसके आस-पास स्थित रमणीक स्थलों, जल प्रपातों एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है।