भगवत गीत जीवन जीने की कला सिखाता है,भारती दीदी

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भगवत गीत जीवन जीने की कला सिखाता है,भारती दीदी
तखतगढ़ कस्बे के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, दिव्य प्रकाश भवन, पादरली प्याऊ के पास 22 जुलाई से 28 जुलाई तक सात दिवसीय आध्यात्मिक श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान महोत्सव एव व्यास पीठ से कथा के चौथे दिन गुरुवार को श्रीमद् भागवत गीता के 4 वे अध्याय में यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत है इसके भावार्थ को समझाते हुए गीता वाचक भारती दीदी जी ने कहा कि आज समाज का हालात ज्यादा बिगड़ा हुआ है। इस समाज के सुधार के लिए भगवान अवतार लिए हुए हैं ।

उन्होंने कहा आज स्कूल में त्रिकोण समकोण पढ़ाया जाता है। परंतु दृष्टिकोण अगर पढ़ाया जाता तो आज दुनिया की हालात ऐसे नहीं होती । आज की हालत बिगड़ती जा रही है। मां-बाप बच्चों का सहारा ढूंढ रहे है। परमात्मा को शहर बनाने के बजाए एक दूसरों के शहर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। परमात्मा ही सत्य सहारा है। जो सभी को भवसागर से पार लगा सकता है। उसको भूल इंसान इंसान को सहारा बना रहा है।
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