वार्डबॉय के भरोसे संचालित हो रहा बैगाचक ग्राम चाडा का अस्पताल

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डिंडोरी:- जिले में राष्ट्रीय मानव की उपाधि प्राप्त बैगा जनजाति के लोग इस समय स्वास्थ्य सुविधाएं के लिए तरस रहे हैं जंगल में निवास कर रहे बैगा जाति के लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर संबंधित विभाग के द्वारा उनके साथ मजाक किया जा रहा है हजारों की आबादी वाले वनग्राम के ग्रामीण अंचलों में शासन द्वारा महंगे महंगे अस्पताल भवन तो बना दिए गए।परंतु उन अस्पतालों की सुचारू संचालन की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य महकमा बरसो से एक डॉक्टर तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा हैं यहीं दास्तान बैगाचक के वनग्राम चाडा में स्थित एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है जो अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है कहने को तो यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर एक डाक्टर ,नर्स, ए एन एम और अन्य कर्मचारी के पद के साथ साथ मरीजों को रेफर करने लिए एम्बुलेंस सुविधा भी स्वीकृत है लेकिन वस्तुस्थिति इसके बिल्कुल उलट है जबकि सत्तर लाख की लागत से वर्ष 2018 में निर्मित इस अस्पताल के लोकार्पण के मौके पर जिले के बड़े बड़े ओहदों पर आसीन नेता और मंत्री कहे जाने वाले तत्कालीन जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे हैं और आज उसी अस्पताल की व्यथा देखने सुनने वाला कोई नजर नहीं आ रहा हैं वन ग्राम चाडा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों मरीजों का उपचार एक महिला वार्डबॉय और एक पुरुष लेबटेक्नीशियन के भरोसे चल रहा हैं अस्पताल में इसके अलावा दो सफाई कर्मी और एक गार्ड की तैनाती हे जो की समय समय पर जिम्मेदारो के ना रहने पर मरीजों को संभालते हैं डॉक्टर और नर्स के नही होने की दशा में यहां आने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आई है स्टॉफ की कमी के चलते लोगो का अब अस्पताल से धीरे धीरे भरोसा उठने लगा है लोगो को मजबूरन क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाना पड़ रहा है यहां के ग्रामीणों ने बताया की इलाज के लिए अस्पताल जाने पर सिर्फ पेरासिटामोल की लेबलेट या सर्दी जुकाम की दवाइया या खांसी की सीरप तथा कुछ अन्य गोली देकर मरीजों को चलता कर दिया जाता है बस इससे ज्यादा इलाज यहा नही मिलता। गंभीर मामलों में मरीज को बजाग रेफर कर दिया जाता हैं रेफर करने के लिए भी नेटवर्क नही होने के कारण समय पर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती।ग्रामीणों ने बताया की अस्पताल में एक स्टॉफ नर्स का महीनों पहले स्थानांतरण हो जाने के बाद से कोई नहीं आया डॉक्टर का भी पद सालो से रिक्त हैं वरिष्ठ अधिकारियों की भी इस समस्या की भली भांति जानकारी है इसके बाद भी कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं!

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इनका कहना है...

हमारे क्षेत्र के लोग इलाज कराने के लिए परेशान रहते हैं में खुद आठ दिनों से अस्पताल जा रहा हूं मात्र एक प्रकार की गोली दी जाती है मजबूरी में बजाग जाकर इलाज कराना पड़ रहा है अस्पताल जाने पर वार्डबॉय या सफाईकर्मी ही मिलते हैं।

गोपाल सिंग ग्रामीण

जल्द ही एक सप्ताह के अंदर एक नियमित डॉक्टर अपनी सेवा देंगे।पूर्व में स्टॉफ नर्स का तबादला हो गया है असुविधा को देखते हुए मेरे द्वारा तबादले का विरोध किया भी गया था

बी एम ओ बजाग