पराली जलाने पर तत्काल प्रतिबंध

in #bageshwar2 years ago

पशुपालकों द्वारा पशुओं के सूखे चारे के रूप में गेहूॅ के भेसे का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर प्रतिवर्ष माह अप्रैल तथा मई में गेहूॅ के भूसे की प्रचुर मात्रा उपलब्ध रहत है तथा इसी समय भूसा न्यूनतम दरों पर उपलब्ध होता है। ज्यादातर पशुपालकों द्वारा इसी समय अपनी आवश्यकता के अनुरूप अधिकाधिक भूसा क्रय कर संग्रहित कर लिया जाता है। वर्तमान में हरियाणा तथा अन्य राज्यों द्वारा दूसरे राज्यों को भूसे की आपूर्ति पर रोक लगाये जाने के कारण भूसे की दरो में अत्यधिक उछाल आ गया है। अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल ने बताया कि राज्य में भूसे की कमी के दृष्टिगत जनपद में कतिपय व्यापारियों द्वारा भूसे का बडी मात्रा में अनावश्यक संग्रहण किये जाने की संभावनाओं के दृष्टिगत पशुपालको को पर्याप्त मात्रा में उचित दरों में भूसा उपलब्ध कराने उद्देश्य तथा अपात स्थिति को देखते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत भूसे को पशुधन हेतु उपयोग के इतर अन्य उद्योगो में इस्तेमाल करने हेतु भूसा विक्रय पर आगामी एक माह तक प्रतिबंधित लगाने, भूसा विक्रेताओं द्वारा भूसे के अनावश्यक भण्डारण तथा कालाबाजारी पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही जनपद में उत्पादित भूसे को राज्य के बाहर परिवहन पर एक माह हेतु प्रतिबंधित लगाया गया है। जनपद में किसी भी स्थान पर पराली जलाने पर तत्काल प्रतिबंधित लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अवेहलना करता पाया गया तो भारतीय दण्ड सहिता की सुसंगत धाराओं के तहत आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।