थॉमस कप: भारतीय बैडमिंटन टीम ने 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसा करिश्मा किया

किदाम्बी श्रीकांत की अगुआई वाली भारतीय पुरुष टीम ने पहली बार थॉमस कप जीतकर इतिहास रच दिया.

भारतीय दल ने पहली बार फ़ाइनल में स्थान बनाने के साथ कप पर भारत का नाम दर्ज करा दिया.

भारतीय टीम ने फाइनल में सबसे ज़्यादा 14 बार खिताब जीतने वाले इंडोनेशिया को पहले तीन मैचों में हराकर ख़िताब जीत लिया.

भारतीय खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने तीसरे मुक़ाबले के दूसरे गेम में 22-21 के स्कोर पर जब दाहिनी तरफ स्मैश लगाया तो स्टेडियम ही नहीं दुनिया भर में भारतीय बैडमिंटन प्रेमी में खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

श्रीकांत के विजयी अंक लेते ही भारतीय खिलाड़ी और कोच सहित उसका पूरे स्टाफ ने कोर्ट में दौड़कर इस टाई के हीरो किदाम्बी श्रीकांत को घेर लिया

यह वास्तव में ऐसी खुशी है, जिसकी किसी भारतीय ने उम्मीद तक नहीं की थी.

जिस तरह से 1983 में कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय टीम क्रिकेट विश्व कप विजेता बनी थी. उस तरह की कहानी भी भारतीय शटलरों ने भी लिख दी है.

पहले लक्ष्य सेन और उसके बाद सात्विक-चिराग की जोड़ी की जोरदार शुरुआत के बाद किदाम्बी श्रीकांत पर भारत को विजेता के पद तक पहुंचाने का जबर्दस्त दवाब था.

उन्होंने इस दबाव में अपना खेल बिखरने देने के बजाय और बेहतर खेल प्रदर्शित करके 21-15, 23-21 से विजय पाकर भारत के नाम एक ऐसी सफलता लिख दी, जिसकी देश को सालों से इंतज़ार था.